AIN NEWS 1 | भारत सरकार चीनी AI चैटबॉट DeepSeek को लेकर साइबर जासूसी और डेटा प्राइवेसी के संभावित खतरों पर एडवायजरी जारी कर सकती है। इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय के तहत काम करने वाली CERT-In (इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम) ने इस चैटबॉट के संभावित जोखिमों पर रिपोर्ट तैयार कर ली है।
DeepSeek को लेकर सरकार की चिंताएं
- DeepSeek, ChatGPT की तरह सुरक्षित नहीं है और इसके इस्तेमाल में सतर्कता जरूरी है।
- भारत अपने इंटरनेट यूजर्स के डेटा तक चीन की पहुंच को लेकर चिंतित है।
- यह AI चैटबॉट यूजर डेटा के अलावा डिवाइस जानकारी और मेटाडाटा भी इकट्ठा करता है।
- DeepSeek के चीनी सर्वर पर डेटा स्टोर होने और चीन को भेजे जाने की आशंका है।
कैसे डेटा इकट्ठा करता है DeepSeek?
DeepSeek AI चैटबॉट कई तरह का डेटा कलेक्ट करता है:
✅ यूजर के प्रॉम्प्ट और बातचीत का डेटा
✅ डिवाइस इंफॉर्मेशन और दूसरी ऐप्स का मेटाडाटा
✅ कितने यूजर्स ने ChatGPT या अन्य AI ऐप्स को अनइंस्टॉल किया
✅ पब्लिकली उपलब्ध डेटा का भी उपयोग
चीनी सर्वर पर भेजा जाता है डेटा
- दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी के अनुसार, DeepSeek जरूरत से ज्यादा डेटा कलेक्ट करता है।
- इसकी कोडिंग इस तरह से की गई है कि यह यूजर डेटा चीन भेजता है।
- रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह डेटा चीन की सरकारी कंपनी चाइना मोबाइल के सर्वर पर स्टोर होता है।
- कई देशों ने इस चैटबॉट पर पहले ही बैन लगा दिया है।
क्या हो सकती है भारत सरकार की एडवायजरी?
🔹 सरकारी अधिकारियों, संवेदनशील डेटा तक पहुंच रखने वाले कर्मचारियों को DeepSeek के इस्तेमाल से बचने की सलाह।
🔹 साइबर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यूजर्स को इसे डाउनलोड या इस्तेमाल करने से रोकने की अपील।
🔹 AI चैटबॉट्स के लिए भारत में नए साइबर सुरक्षा नियमों पर विचार।