AIN NEWS 1 | उत्तर प्रदेश के हाथरस-एटा सीमा पर मंगलवार को एक सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में मरने वालों में 25 महिलाएं और 2 बच्चे शामिल हैं। घटना के समय सत्संग का आयोजन नारायण साकार हरि ‘भोले बाबा’ द्वारा किया जा रहा था।
कौन हैं नारायण साकार हरि ‘भोले बाबा’?
- नाम: नारायण साकार हरि, जिन्हें ‘भोले बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है।
- प्रचलित क्षेत्र: पश्चिमी उत्तर प्रदेश।
- पहचान: सफेद सूट और टाई पहनकर प्रवचन देने वाले।
- मूल निवास: एटा जिले के बहादुर नगरी।
- पूर्व नौकरी: खुफिया विभाग में सरकारी नौकरी, जिसे 1990 में त्याग दिया।
- आध्यात्मिक यात्रा: नौकरी छोड़ने के बाद अध्यात्म में रम गए और सत्संग करने लगे।
- परिवार: पत्नी के साथ मंच से प्रवचन करते हैं।
- सत्संग का नाम: ‘मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम’।
हादसे की जानकारी
- स्थान: रतीभान पुर, हाथरस-एटा बॉर्डर।
- कारण: पंडाल में भयानक उमस और गर्मी के कारण भगदड़ मची।
- घायलों की स्थिति: कई महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं।
- मृतकों की संख्या: 27 (25 महिलाएं और 2 बच्चे)।
जांच और सरकारी कदम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे में मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने जिला प्रशासन को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने और समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए हैं। इस हादसे की जांच के लिए एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ की एक कमेटी बनाई गई है।
सियासत से कनेक्शन
नारायण साकार हरि का कनेक्शन सियासत से भी है। कुछ मौकों पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को उनके मंच पर देखा जा चुका है।
निष्कर्ष
यह हादसा एक बड़ी त्रासदी है, जिसमें कई लोगों की जान गई और कई घायल हुए। इस घटना की पूरी जांच की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।