AIN NEWS 1 मेरठ: आजाद समाज पार्टी (ASP) के कार्यकर्ताओं ने प्रहलाद नगर क्षेत्र में एक मार्च निकालकर तनाव पैदा करने की कोशिश की। यह मार्च लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र में यति नरसिंहआनंद गिरी द्वारा दिए गए विवादित बयान पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए निकाला गया था। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने भड़काऊ नारेबाजी की, जिससे स्थानीय हिंदू समुदाय में डर का माहौल बना।
यति नरसिंहआनंद गिरी जी की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच, उनके समर्थकों ने केंद्र सरकार से सुरक्षा की मांग की है। जानकारी के अनुसार, यति नरसिंहआनंद गिरी की जान को खतरा है, और उनके खिलाफ कई देशों ने करोड़ों रुपए का इनाम घोषित किया है। ऐसी परिस्थिति में, उन्होंने केंद्र सरकार से Z श्रेणी की सुरक्षा की मांग की थी, जो अब तक पूरी नहीं हुई है।
हिंदूवादी नेता सचिन सिरोही ने कहा, “अगर केवल एक न्यूज़ चैनल पर विवादित बयान देने वाली नूपुर शर्मा को Z श्रेणी सुरक्षा दी जा सकती है, तो यति नरसिंहआनंद गिरी जी को सुरक्षा क्यों नहीं दी जा रही?” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि महाराज जी को किसी भी प्रकार की हानि पहुँचती है, तो उसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी।
इस घटना से साफ है कि राजनीतिक दलों के बीच तनाव बढ़ रहा है, और धार्मिक मुद्दों पर प्रदर्शन और नारेबाजी करने वाले कार्यकर्ताओं की गतिविधियों से सामुदायिक शांति को खतरा हो सकता है। आजाद समाज पार्टी और एआईएमआईएम पार्टी के कार्यकर्ता इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाने के लिए लामबंद हो गए हैं, जिससे स्थिति और भी जटिल होती जा रही है।
केंद्र सरकार को अब इस मुद्दे पर ध्यान देना होगा, क्योंकि हिंदू समाज की सुरक्षा और उनके धार्मिक नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। ऐसे माहौल में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ा सकती है।
इसलिए, यह समय है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले और यति नरसिंहआनंद गिरी जी को तुरंत सुरक्षा प्रदान करे। उनके समर्थकों का कहना है कि यदि उनकी सुरक्षा नहीं की गई, तो देश में व्यापक प्रतिक्रिया हो सकती है।
निष्कर्ष
इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक और धार्मिक तनाव के बीच सामुदायिक एकता को बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। यति नरसिंहआनंद गिरी जी की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल देश की राजनीतिक स्थिति को दर्शाते हैं और इस मुद्दे को जल्द सुलझाने की आवश्यकता है।