AIN NEWS 1: बांग्लादेश में हाल की हिंसा ने कई लोगों को प्रभावित किया है। इस हिंसा का एक दिल दहला देने वाला मामला बांग्लादेश की मशहूर बैरिस्टर तूरीन अफरोज से जुड़ा है। तूरीन अफरोज ने अपनी भयावह आपबीती साझा की है, जो बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के बढ़ते प्रभाव को उजागर करती है।
5 अगस्त को तूरीन अफरोज के घर में हुआ हमला
5 अगस्त को बांग्लादेश में हिंसा के चरम पर होने के दौरान, कुछ कट्टरपंथियों ने तूरीन अफरोज के घर में जबरन घुसकर उनकी बेटी के साथ बुरी तरह मारपीट की। तूरीन उस समय अपनी 16 वर्षीय बेटी के साथ अकेली थीं। कट्टरपंथियों ने तूरीन के बाल काटे और पेंसिल से उन्हें गोद डाला। उन्होंने तूरीन से पूछा कि वह हिजाब क्यों नहीं पहनतीं। तूरीन ने इस डर से कि कहीं उनकी बेटी का बलात्कार न हो जाए, हिजाब पहनने की सहमति दी।
कट्टरपंथियों की धमकी
तूरीन अफरोज ने बताया कि कट्टरपंथियों ने उन्हें देश छोड़ने की धमकी दी और पूछा कि उन्होंने अपनी मां शेख हसीना के साथ क्यों नहीं चले गए। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या नरेंद्र मोदी ने तूरीन को बुलाया था। तूरीन ने जवाब दिया कि वह अपने देश में ही रहेंगी। इस घटना के बाद तूरीन दो दिन तक अपने घर से बाहर नहीं निकलीं।
तूरीन अफरोज की पहचान
तूरीन अफरोज बांग्लादेश की प्रमुख अभियोजक रह चुकी हैं। उन्होंने 1971 के युद्ध अपराधियों को सजा दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके घर में घुसने वाले कट्टरपंथी अल बद्र और जमात-ए-इस्लामी के सदस्य थे। उन्होंने तूरीन से यह भी आरोप लगाया कि शेख हसीना के कहने पर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल में कई लोगों को झूठे आरोपों में फंसाया।
इस खौफनाक घटना ने बांग्लादेश में धार्मिक कट्टरपंथ और हिंसा के बढ़ते खतरे को उजागर किया है।