5 साल में 64% बढ़ गए देश में घरों के किराए! इस साल 5.31 लाख नए घरों के बन जाने के बाद रेंटल इनकम वालों को लग सकता है झटका!

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AIN NEWS 1: रियल एस्टेट निवेशकों को बीते कुछ बरसों में प्रॉपर्टी के दाम में आए बंपर उछाल ने मालामाल कर दिया है. घरों की कुल कीमत में इजाफा होने के साथ साथ इनसे मिलने वाली रेंटल इनकम भी प्री-कोविड के मुकाबले नई ऊंचाई पर पहुंच गई है. हालांकि अब किरायों की बढ़ोतरी में सुस्ती आने लगी है. इसके बावजूद अगर 2019 से 2024 के दौरान घर किराए में आए उछाल को देखें तो इन 5 साल में नोएडा के सेक्टर 150 में 2 BHK का रेंट साढ़े 15 हजार से करीब साढ़े 63 परसेंट बढ़कर 25 हजार रुपए पर पहुंच गया है. वहीं दिल्ली के द्वारका में 2 BHK का रेंट साढ़े 19 हजार से साढ़े 43 परसेंट बढ़कर 28 हजार रुपए पर पहुंच गया है. इसी तरह मुंबई के चेंबूर में 2 BHK का रेंट 41.1 परसेंट बढ़कर साढ़े 63 हजार, मुलुंड में 28.7 फीसदी बढ़कर 49 हजार 700, बेंगलुरु के सरजापुर रोड में 35 हजार पर पहुंच गया है.

अप्रैल-जून में घटी किराए बढ़ने की गति!

हालांकि रेंट के इतना ज्यादा हो जाने से अब इनकी बढ़ोतरी की रफ्तार सुस्त होने लगी है. आंकड़ों के मुताबिक जनवरी-मार्च में जहां घरों के किराए 4 से 9 फीसदी की दर से बढ़े थे वहीं अप्रैल-जून में ये महज 2 से 4 परसेंट ही बढ़े. जबकि दूसरी तिमाही में आमतौर पर घरों के किरायों में बाकी तिमाहियों के मुकाबले ज्यादा तेजी आती है. इसकी वजह है कि नए स्कूल सेशन और ट्रांसफर वगैरह के असर से लोगों को इन दिनों घरों की तलाश होती है. ऐसे में इस तिमाही में घरों के रेंट की रफ्तार घटना हैरान करने वाला है. जानकारों का मानना है कि नई सप्लाई में आ रही तेजी से भी घरों के किराए पर दबाव बढ़ सकता है.

इस साल बनेंगे 5.31 लाख घर!

घरों की नई सप्लाई में आ रही तेजी के चलते आगे भी घरों के किराए सुस्त गति से बढ़ने के आसार हैं। दरअसल, भारत के 7 बड़े शहरों में इस साल के आखिर तक 5.31 लाख घरों की सप्लाई आने वाली है. ये 2023 के 4.35 लाख के मुकाबले 22 फीसदी ज्यादा है. इस साल मुंबई में 1.61 लाख, NCR में 1.44 लाख और पुणे में 97 हजार घरों की सप्लाई आ सकती है. इसके अलावा बेंगलुरु में 51 हजार, हैदराबाद में 34 हजार, कोलकाता में 25 हजार और चेन्नई में 17 हजार नए फ्लैट्स की सप्लाई आने वाली है. जाहिर है कि जब इतने फ्लैट्स बनकर मार्केट में आएंगे तो डिमांड के मुकाबले सप्लाई ज्यादा हो सकती है जो घरों के किराए में बढ़ोतरी को और कम कर सकती है.

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