Monday, September 16, 2024

1978 में इज़राइल ने कैसे टूथपेस्ट से मारा वादी हद्दाद को

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AIN NEWS 1 | 1978 में, मोसाद ने ‘इज़राइल के दुश्मन’ वादी हद्दाद को एक अद्वितीय तरीके से मारा: टूथपेस्ट से। यह एक अत्यंत गुप्त हत्या थी, और इज़राइल की लक्षित हत्याओं के नए युग की शुरुआत का प्रतीक था।

संक्षेप में

  • मोसाद, इज़राइली खुफिया एजेंसी, दुनिया भर में लक्षित हत्याओं के लिए प्रसिद्ध है।
  • 1978 में, इज़राइल ने फिलिस्तीनी संगठन, पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ़ पलेस्टाइन के प्रमुख वादी हद्दाद को एक रहस्यमय टूथपेस्ट का उपयोग करके मार डाला।
  • हद्दाद के नियमित टूथपेस्ट को उनके लिए बनाए गए जहर वाले टूथपेस्ट से बदल दिया गया था।

हद्दाद की मौत की कहानी

जनवरी 1978 के मध्य में, बगदाद में एक सामान्य दिन के बाद, वादी हद्दाद को खाने के बाद पेट में तीव्र दर्द शुरू हो गया। हद्दाद, पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ़ पलेस्टाइन के प्रमुख थे। उनकी भूख खत्म हो गई और उनका वजन 25 पाउंड से ज्यादा कम हो गया। उन्हें इराकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

डॉक्टरों ने हद्दाद को हेपेटाइटिस का निदान किया। शक्तिशाली एंटीबायोटिक्स दिए गए, लेकिन उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। जल्द ही उनके बाल गिरने लगे और बुखार बना रहा।

शक जहर की ओर गया, लेकिन डॉक्टर इसका स्रोत पता नहीं लगा पाए। यासर अराफात, फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन के नेता, ने स्टासी, पूर्वी जर्मनी की खुफिया सेवा से मदद मांगी। हद्दाद को बगदाद से पूर्वी बर्लिन ले जाया गया। उन्हें एक खुफिया समुदाय अस्पताल में भर्ती कराया गया।

स्टासी की जांच

1978 में इजरायल ने फिलिस्तीनी कमांडर वादी हद्दाद को टूथपेस्ट से कैसे मार  डाला - इंडिया टुडे

19 मार्च 1978 को, हद्दाद को ‘अहमद डोकली’ नाम से अस्पताल में भर्ती किया गया। उनके दिल के चारों ओर रक्तस्राव हो रहा था और प्लेटलेट की संख्या खतरनाक रूप से कम हो गई थी। डॉक्टरों ने उन्हें तमाम परीक्षणों से गुजराया, लेकिन कुछ भी पता नहीं चला।

मौत और पोस्टमॉर्टम

29 मार्च को, हद्दाद की मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया कि हद्दाद की मौत ‘दिमागी रक्तस्राव और निमोनिया द्वारा पैनमायलोपैथी’ से हुई। स्टासी को शक था कि किसी ने उनकी हत्या की थी।

1978 में इजरायल ने फिलिस्तीनी कमांडर वादी हद्दाद को टूथपेस्ट से कैसे मार  डाला - इंडिया टुडे

वादी हद्दाद की असली कहानी

हद्दाद ने 1976 में एयर फ्रांस फ्लाइट 139 के एंटेबे अपहरण का नेतृत्व किया था। इज़राइल ने ऑपरेशन थंडरबोल्ट के माध्यम से बंधकों को बचाया। इस अभियान में लेफ्टिनेंट कर्नल योनी नेतन्याहू की मौत हो गई। हद्दाद को मोसाद की किल लिस्ट में सबसे ऊपर रखा गया।

हत्या का प्लान

मोसाद ने एक कम प्रोफ़ाइल हत्या की योजना बनाई। हद्दाद के टूथपेस्ट को एक विषाक्त टूथपेस्ट से बदल दिया गया, जो धीरे-धीरे हद्दाद के रक्त में प्रवेश कर जाता और उसे मार देता।

मौत की पुष्टि

मोसाद की ‘लो-सिग्नेचर असैसिनेशन’ तकनीक ने हद्दाद की मौत को लगभग तीन दशक तक रहस्य बनाए रखा। 2018 की पुस्तक ‘राइज एंड किल फर्स्ट’ में रोनन बर्गमन ने विस्तार से इस हत्या का वर्णन किया।

निष्कर्ष

इज़राइल ने बाबेलोनियन तालमुद की कहावत का पालन किया: “यदि कोई तुम्हें मारने आता है, तो पहले उठो और उसे मार डालो।” इज़राइल और मोसाद इस सिद्धांत का पालन कर रहे हैं।


यह कहानी इज़राइल की लक्षित हत्याओं की एक मिसाल है, जिसमें तकनीकी कौशल और रणनीतिक योजना का अद्वितीय मेल देखा जा सकता है।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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