AIN NEWS 1: बलरामपुर: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में एक शख्स ने अपनी पत्नी की हत्या कर उसके शव को काटकर विभिन्न स्थानों पर फेंक दिया। इस वारदात में आरोपी की एक गलती ने पुलिस की जांच को आसान बना दिया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
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जनपद बलरामपुर के थाना को0 देहात पुलिस द्वारा सिर कटी लाश (ब्लाइंड मर्डर) की सनसनी खेज घटना का किया सफल अनावरण, शातिर अभियुक्त गिरफ्तार। pic.twitter.com/tOZlxOoMPh— BALRAMPUR POLICE (@balrampurpolice) August 28, 2024
घटना का विवरण:
45 वर्षीय शंकर दयाल गुप्ता का अपनी 41 वर्षीय पत्नी गुड़िया पांडे उर्फ नीतू पांडे से अक्सर पैसे को लेकर विवाद होता था। 30 जुलाई को इन दोनों के बीच फिर से विवाद हुआ, जो 1 अगस्त को हत्या में बदल गया। गुप्ता ने गड़ासे से नीतू का गला काटकर हत्या कर दी।
लाश को ठिकाने लगाने की कोशिश:
गुप्ता ने नीतू के शव को काटने के लिए बाजार से लोहे की आरी और इलेक्ट्रॉनिक कटर मशीन खरीदी। 3 अगस्त को उसने नीतू का सिर और हाथ अयोध्या की सरयू नदी में फेंक दिया। इसके बाद 6 अगस्त को शव के बाकी हिस्सों को दो बोरों में भरकर बलरामपुर के अजब नगर गांव के झाड़ियों में फेंक दिया। फिर अगले दिन, बाकी अंगों को अयोध्या के नए पुल से सरयू नदी में फेंक दिया।
आरोपी की गलती:
पुलिस ने महिला के अंग मिलने के बाद 15 जिलों में दर्ज करीब 500 गुमशुदगी की रिपोर्टों की जांच की और 300 से अधिक CCTV फुटेज देखी। एक CCTV फुटेज में 6 अगस्त की सुबह एक संदिग्ध व्यक्ति को मोटरसाइकिल पर सफेद बोरी ले जाते हुए देखा गया। इस फुटेज से पुलिस ने मोटरसाइकिल का नंबर प्राप्त किया और जांच की। मोटरसाइकिल के मालिक के घर पर ताला लगा मिला और वहां से बदबू आ रही थी। यह संकेत मिला कि आरोपी वही था।
पुलिस की कार्रवाई:
मोबाइल सर्विलांस टीम की मदद से आरोपी गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त गड़ासा, शव काटने के लिए इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रॉनिक कटर मशीन, मृतका का मोबाइल, लोहे की आरी, और शव टुकड़े करने में प्रयोग की गई मोटरसाइकिल भी बरामद की गई।
अंतिम प्रक्रिया:
गुप्ता ने अपना अपराध छिपाने के लिए मोबाइल पर बॉलीवुड की फिल्में देखकर नीतू के शव को अलग-अलग स्थानों पर फेंका। एसपी ने बताया कि आरोपी को फास्ट ट्रैक अदालत में भेजा जाएगा ताकि उसे सजा दिलाई जा सके।
इस मामले ने न केवल आरोपी की क्रूरता को उजागर किया है बल्कि पुलिस की तत्परता और तकनीकी जांच की भूमिका को भी स्पष्ट किया है।