Saturday, September 14, 2024

‘भूरा कस्टडी से फरार केस मे’… कोर्ट ने अब 11 साल बाद सुना दी सजा नीरज बवाना और सुनील राठी को, छीन ली थी पुलिस से AK-47!

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AIN NEWS 1बागपत. उत्तर प्रदेश के बागपत कोर्ट ने पश्चिम यूपी के ही तीन कुख्यात बदमाश को अब सजा सुनाई हैं. सरकार के द्वारा चिन्हित गैंग के सक्रिय सदस्य बदमाश सुनील राठी, नीरज बवाना और सचिन मोनू को कोर्ट ने सजा सुनाते हुए इनपर जुर्माना भी लगाया हैं. इन सभी पर 2015 में एक केस दर्ज हुआ था जिसमे गैंगस्टर के मुकदमे में कोर्ट ने सुनील राठी को कुल 10 साल, नीरज बवाना को कुल 7 साल और सचिन मोनू को कुल 5 साल की सजा सुनाई हैं. सरकारी वकील राहुल नेहरा ने इस दौरान बताया कि अभियोजन पक्ष की कड़ी पैरवी के चलते ही अपर जिला जज एफटीसी प्रथम के इस सजा का ऐलान किया.जिला शासकीय अधिवक्ता राहुल नेहरा और विशेष लोक अभियोजक इंद्रपाल ने इस दौरान बताया कि वर्ष 2014 में बागपत में उत्तराखंड पुलिस की ही कस्टडी से कुख्यात अमित उर्फ भूरा निवासी सरनावली जिला मुजफ्फरनगर को छुड़ाने और वहा पुलिस कर्मियों की दो एके-47 समेत अन्य कई असलाह लूटने की घटना को इन्होंने अंजाम दिया गया था. जिसमें टीकरी गांव के ही कुख्यात सुनील राठी, दिल्ली के पूर्व विधायक रामवीर शौकीन के भांजे नीरज निवासी बवाना समेत कुल तीन गिरोह शामिल रहे थे.उस समय भूरा को कस्टडी से छुड़ाने के मामले में जहां सभी के खिलाफ कार्रवाई हुई, वहीं दो जुलाई 2015 को ही तत्कालीन कोतवाली प्रभारी कृष्ण मुरारी दोहरे ने इन कुख्यात सुनील राठी, अमित उर्फ भूरा, संदीप उर्फ मोनू त्यागी, प्रमोद, प्रवीण उर्फ लड्डू, रवि चौहान, विन्नी उर्फ विनीत, नवीन उर्फ विक्की, योगेश उर्फ टून्ना, नीरज बवाना उर्फ नीटू, सचिन उर्फ मोनू, रोबिन, प्रिंस, मोहम्मद सद्दाम, मोहम्मद गौरी, अरविंद, प्रवेश, दिनेश उर्फ थापा के खिलाफ गैंगस्टर का एक मुकदमा भी दर्ज कराया गया था. इस मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय विशेष गैंगस्टर में ही हुई. जिसमें उत्तराखंड की ही पौड़ी गढ़वाल जेल में बंद कुख्यात सुनील राठी, दिल्ली की तिहाड़ जेल में ही बंद नीरज बवाना और चित्रकूट जेल में बंद सचिन हलालपुर की भी पत्रावली पर अलग सुनवाई की गई.

इतने साल की लगातार सुनाई के बाद सजा

इस दौरान सुनवाई पूरी होने पर न्यायाधीश पवन कुमार राय ने भी कुख्यात सुनील राठी को दस साल की सजा सुनाने के साथ ही एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया. जिसे अदा नहीं करने पर एक साल की इनकी सजा बढ़ाई जाएगी. नीरज बवाना को सात साल की सजा सुनाई और अनपर 70 हजार रुपये अर्थदंड लगाया, जिसे अदा नहीं करने पर छह माह की उनकी सजा बढ़ाने के आदेश दिए. सचिन हलालपुर को भी पांच साल की सजा और कुल 50 हजार रुपये अर्थदंड लगाया, जिसे अदा नहीं करने पर उनकी तीन माह की सजा बढ़ाने के आदेश दिए गए.

जेल में रची थी यह पूरी साजिश

सुनील राठी ने जेल में ही यह पूरी साजिश रची थी, अन्य ने फिल्मी अंदाज में इस घटना को अंजाम दिया था. कुख्यात अमित उर्फ भूरा वर्ष 2014 में जब उत्तराखंड जेल में ही बंद था तो उसे वहां से पुलिस द्वारा बागपत कोर्ट में एक मुकदमे में पेशी पर लेकर आ रही थी तभी इन्होंने लोनिवि गेस्ट हाउस के पास थ्री व्हीलर में कुछ बदमाशों ने पुलिसकर्मियों की आंखों में मिर्च डालकर उनका असलाह लूट लिया और अमित उर्फ भूरा को वह छुड़ा ले गए थे. इस पूरी घटना की साजिश उत्तराखंड जेल में ही बंद कुख्यात सुनील राठी ने ही रची थी और यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा तक के बदमाश भी इसमें शामिल थे.

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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