AIN NEWS 1: बागपत जिले के कोटाना गांव में लगभग 66 बीघा कृषि भूमि को शत्रु संपत्ति के रूप में घोषित किया गया है। यह जमीन 1970 में पाकिस्तान चले गए अब्दुल रहमान के नाम थी। सरकार ने यह कदम उठाते हुए बताया कि इस जमीन का अधिकांश हिस्सा फर्जीवाड़ा कर बेचा गया था।
मामला और पृष्ठभूमि
कोटाना गांव के निवासी अब्दुल रहमान, जो 1970 में पाकिस्तान चले गए थे, के नाम पर यह भूमि दर्ज थी। अब्दुल रहमान की अनुपस्थिति में, कुछ लोगों ने उनके नाम से फर्जी बैनामा कर इस भूमि को बेचने का प्रयास किया। तहसील प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित करने का निर्णय लिया है।
प्रशासन की कार्रवाई
तहसील प्रशासन ने बताया कि जल्द ही कब्जा हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके साथ ही, इस मामले में व्यापक जांच भी की जाएगी। प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि फर्जीवाड़े में शामिल सभी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भविष्य की योजनाएँ
इस भूमि की शत्रु संपत्ति के रूप में पहचान के बाद, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इसे सरकारी नियंत्रण में लाया जाए। इसके साथ ही, स्थानीय निवासियों को भी अवगत कराया जाएगा कि किस प्रकार से वे इस संपत्ति के संबंध में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
निष्कर्ष
बागपत में शत्रु संपत्ति की पहचान का यह मामला न केवल अब्दुल रहमान के परिवार के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्र में संपत्ति विवादों को समाप्त करने और सच्चाई को स्थापित करने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। तहसील प्रशासन की तत्परता इस बात का संकेत है कि वे ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हैं और कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस प्रकार की घटनाएँ स्थानीय समुदाय में जागरूकता पैदा करने और संपत्ति के सही मालिकाना हक को सुनिश्चित करने के लिए भी जरूरी हैं। सरकार की यह पहल न केवल वर्तमान स्थिति को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में ऐसी समस्याओं को रोकने में भी सहायक सिद्ध होगी।