AIN NEWS 1 न्यूयॉर्क | संयुक्त राष्ट्र महासभा सप्ताह के दौरान ‘इंडिया डे’ कार्यक्रम में रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड की कार्यकारी निदेशक, ईशा अंबानी ने कहा, “भारत अपने अधिकारिक स्थान में कदम रख रहा है और नया वैश्विक क्रम आकार दे रहा है।”
ईशा अंबानी ने कहा कि इस सप्ताह जब दुनिया के विभिन्न नेता न्यूयॉर्क में समावेशी विकास पर चर्चा करने के लिए एकत्रित हो रहे हैं, यह स्पष्ट है कि हमारा विश्व तेजी से बदल रहा है। भारत, विशेष रूप से, अपने अधिकारिक स्थान में प्रवेश कर रहा है और वैश्विक आदेश को आकार दे रहा है।
बेहतर भविष्य की दिशा में एकजुटता
ईशा अंबानी ने इस अवसर पर आगे कहा कि यह क्षण केवल परिवर्तन का नहीं है, बल्कि एक बेहतर भविष्य को एक साथ बनाने का भी है, विशेषकर हमारी युवा पीढ़ी के लिए। उन्होंने कहा, “हमारे सामने कई चुनौतियाँ हैं, लेकिन यदि हम एकजुट होकर कार्य करें, तो हम वास्तविक प्रगति कर सकते हैं।”
वैश्विक मुद्दों का सामना करने की जरूरत
उनके अनुसार, वर्तमान समय में विश्व को सामूहिक रूप से वैश्विक मुद्दों का सामना करने की आवश्यकता है, जिसमें जलवायु परिवर्तन, आर्थिक असमानता और सामाजिक न्याय शामिल हैं। ईशा ने इस बात पर जोर दिया कि भारत इस प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जो न केवल देश के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए लाभदायक होगा।
युवा शक्ति का महत्व
ईशा ने यह भी उल्लेख किया कि युवा पीढ़ी हमारी भविष्य की सबसे बड़ी संपत्ति है। “हमें अपने युवाओं को सशक्त बनाना होगा, ताकि वे नए विचारों और नवाचारों के साथ आगे बढ़ सकें,” उन्होंने कहा। उनके अनुसार, भारत की युवा जनसंख्या को सही दिशा में मार्गदर्शन देकर, हम वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सकते हैं और एक स्थायी विकास की दिशा में बढ़ सकते हैं।
सहयोग और साझेदारी की आवश्यकता
ईशा अंबानी ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि सभी देशों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। जब हम एकजुट होंगे, तब ही हम बड़े बदलाव ला सकेंगे।”
निष्कर्ष
ईशा अंबानी की यह टिप्पणी इस बात का संकेत है कि भारत वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को पहचानते हुए, नई चुनौतियों का सामना करने और एक बेहतर भविष्य के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उनका संदेश स्पष्ट है: एकजुटता और सहयोग के माध्यम से ही हम अपने समाज और विश्व को बेहतर बना सकते हैं।
इस तरह, ‘इंडिया डे’ कार्यक्रम ने एक नई दिशा में सोचने का अवसर प्रदान किया, जहाँ भारत न केवल अपनी पहचान बना रहा है, बल्कि विश्व के लिए भी एक प्रेरणास्त्रोत बनता जा रहा है।