AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में रहने वाले एक युवक जिसके चेहरे पर मासूमियत थी, ओर वो खुद को काफ़ी ज्यादा डरा हुआ भी दिखा रहा था, अपने पूरे परिवार के साथ जब वो पाकिस्तान देश का बॉर्डर पार करके भारत में आया तो उसने पाकिस्तान के खौफ की कई सारी कहानियां बया की। उसने अपनी कहानियों में बताया कि पाकिस्तान की जेल में आख़िर कैसे बीते उसके दिन। ओर वो भारत में लौटने पर अपनी बहुत ज्यादा खुशी बयां कर रहा था, वो खुद को भारत के लिए देशभक्त बता रहा था, लेकिन उसकी हकीकत तो एकदम से उलटी थी। ये सब तो महज उसका एक नाटक था, वो तो था हमारे देश का गद्दार जिसे पाकिस्तान ने ट्रेंड कर भारत भेजा था यहां पर आतंकवाद फैलान के लिए।

उसने पाकिस्तान की जेल में ही रची थी साजिश

पाकिस्तान की खुफिया जेल में रची गई थी भारत के खिलाफ एक खौफनाक साजिश। जिसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कलीम के साथ मे एक खतरनाक डील की। ओर इस डील के मुताबिक कलीम को उत्तर प्रदेश लौटने के बाद यहां पर पर जिहाद फैलाने के लिए तेज़ी से काम करना था। इसे यहां पर आकर एक पूरा आतंकी संगठन तैयार करने की जिम्मेदारी भी दी गई थी जो इस राज्य के लड़कों को अपने साथ जोड़कर यहां पर हिंसा फैलाने का काम करेगा। इसके अलावा वह उत्तर प्रदेश पुलिस और देश की आर्मी से जुड़े हुए अहम दस्तावेज और तस्वीरें भी इसे पाकिस्तान भेजनी थी।

जान ले यह पाकिस्तान का एजेंट उत्तर प्रदेश से किया गया गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने अब पाकिस्तान की बेहद खतरनाक चाल को उलट कर रख दिया है। उत्तर प्रदेश के शामली से कलीम नाम का एक शख्स गिरफ्तार हुआ है। कलीम वैसे तो उत्तर प्रदेश का ही रहने वाला है, लेकिन वो पिछले कुछ समय से ही अपने परिवार के साथ पाकिस्तान की किसी जेल में बंद था। 13 अगस्त के दिन ही पाकिस्तान ने कलीम और उसके पिता नफीस और मां आमना को अपनी जेल से रिहा कर दिया। इस जेल से रिहा होने के बाद वो कड़ी सुरक्षा के बीच वापस भारत में आ गया, लेकिन कलीम और उसके परिवार को जेल में रखना पाकिस्तान की एक बहुत बड़ी साजिश थी।

जान ले ISI एजेंट को भेज रहा था यह देश के खुफिया दस्तावेज

इसने हमारी सुरक्षा एजेंसियां इस पर भी नजर बनाए हुए थी। 5 दिन तक ये श्यामली में ही रहा और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के अफसर दिलशाद मिर्जा उर्फ शेख खालिद हाफिज से सीधा संपर्क में रहा और यहां से जुड़ी हुई कई जानकारी पाकिस्तान भिजवाता रहा। इस कलीम ने नकली पेपर्स के आधार पर एक सिम कार्ड भी खरीदा। इस नंबर से ही इसने पाकिस्तान में दिलशाद के मोबाइल में एक व्हाट्सएप अकाउंट भी एक्टिवेट किया और उसपर लगातार यह चैट करता रहा। इसी चैट के जरिए ही इसने कई आपत्तिजनक और सेना से जुड़ी कई और खुफिया चीजें पाकिस्तान तक भिजवाई।

यह भारत का ही रहने वाला है ओर कर रहा था देश से गद्दारी

वैसे तो कलीम शामली का ही रहने वाला है तो इसी आधार पर पाकिस्तान को लगा कि इसपर किसी को कोई शक भी नहीं होगा। वो खुद को यह देशभक्त बताता रहेगा और वहीं रहकर गद्दारी भी करता रहेगा। आप ये जानकर बहुत ज्यादा हैरान रह जाएंगे कि सिर्फ कलीम ही नहीं बल्कि इसका पूरा का पूरा परिवार देश में रहकर देश के खिलाफ ही साजिश रच रहा था। दरअसल यह कलीम, ओर इसका भाई तस्लीम और इनके माता पिता नफीस और आमना कई बार पाकिस्तान में आते-जाते रहते थे।

यह वहा 5 दिन पहले ही पाकिस्तान जेल से हुआ रिहा

कलीम को इस बार जब पाकिस्तान से भारत लौटा तो उसने बताया कि वो अपने माता पिता के साथ ही पाकिस्तान गया था। इसने यह भी बताया था कि इसकी बुआ अभी भी पाकिस्तान में रहती है और ये लोग उन्हीं से मिलने वहां गए थे, लेकिन वहां जाकर किसी कारण से पाकिस्तानी पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। जबकि ये पूरी ही कहानी वो थी जो इसे वहा पर आईएसआई ने बताने के लिए कहा था। इस कहानी को बताने के बाद से ये उत्तर प्रदेश के शामली में ही अपने घर लौट आया।

इस पूरी साजिश का पाकिस्तान में चल रही व्हाट्सएप चैट से हुआ खुलासा

इस बार पाकिस्तानी एजेंसी का मकसद उत्तर प्रदेश में ही सेना के ठिकानों की जासूसी, राफेल विमान की भी जासूसी और जानकारी जुटाना था, लेकिन एसटीएफ को कलीम के इन इरादों का वक्त रहते पता चल गया। इस कलीम के पास से दो मोबाइल फोन, राफेल फाइटर जेट का स्केच, आर्मी जवानों की फोटो, उर्दू में लिखे हुए कुछ और संदिग्ध मैसेज के साथ पेपर बरामद भी हुए हैं। इस व्हाट्सएप की चैट को लेकर भी पुख्ता सबूत उत्तर प्रदेश पुलिस के पास हैं। कलीम की चैट से ये भी पूरी तरह से साफ हुआ कि आईएसआई ने इसे उत्तर प्रदेश में हिंसा भड़काने के लिए कुछ जरूरी सामान जैसे हथियार, गोला-बारूद और पैसे देने की भी बात कही है।

यह पूरा परिवार ही कर रहा था देश से गद्दारी

आप ये जानकर आश्चर्य करेंगे कि न सिर्फ यह कलीम बल्कि इसका पूरा परिवार ही पाकिस्तान के लिए काम कर रहा था। इसका भाई तस्लीम लंबे समय से ही पाकिस्तान से हथियार सप्लाई का काम कर रहा है और उसके खिलाफ मे न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि, पंजाब और राजस्थान में भी कई केस दर्ज हैं। लेकीन इस बार तस्लीम पाकिस्तान नहीं गया था लेकिन वो भी लगातार इस काम से पूरी तरह से जुड़ा हुआ था। कलीम को फर्जी सिम दिलाने का काम भी तस्लीम ने ही करवाया था। इस काम में सहारनपुर के युसुफ नाम के एक शख्स ने भी उसकी मदद की थी।

इनका मकसद उत्तर प्रदेश में आतंकवाद फैलाने का था

कलीम को तो अब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसने देश से गद्दारी की बात कबूल भी कर ली है। उसने बताया कि इस बार जब वो पाकिस्तान गया था तो वो वहा पर आईएसआई के कुछ सदस्यों के संपर्क में आया। कलीम ने बताया कि वहा पर उसे पैसों का लालच दिया गया और उत्तर प्रदेश में ही जिहादी संगठन तैयार करने का काम उसे दिया। उनका साफ़ कहना था कि वो उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे भारत को ही इस्लामिक राष्ट्र में तब्दील करना चाहते और इसके लिए उन्हे ज्यादा से ज्यादा मुजाहिदों की जरूरत होगी। इन मुजाहिदों का काम होगा उत्तर प्रदेश में दंगे करवाना और हिंसा फैलाना ताकि मुस्लिम वहा पर एकजुट हो सके। .

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