जम्मू-कश्मीर:अच्‍छा हुआ जो बस खाई में गिर गई,तभी जिंदा बच पाए, वरना आतंकवादी सबको मार डालते!

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AIN NEWS 1: जम्मू-कश्मीर के रियासी में श्रद्धालुओं से भरी हुई बस पर हुए आतंकी हमले में घायल श्रद्धालुओं ने बलरामपुर पहुंचकर घटना की जो आखों देखी कहानी बताई वह रोंगटे खड़ी कर देने वाली थी। लगभग मौत के मुंह से बाहर आए हुए घायलों ने बताया कि यदि हमारी बस खाई में न गिरी होती तो बस में सवार कोई भी व्यक्ति जिंदा न बचता।आतंकवादी पूरी बस में सवार सभी लोगों को मौत के घाट उतारने की फिराक में लगे थे,लेकिन बस के खाई में पलट जाने से बस के तमाम यात्री घायल तो हो गए, लेकिन उनकी जान इससे बच गई।बस के खाई में गिरने के बाद भी आतंकवादी 15 मिनट तक बस पर गोलियां बरसाते रहे।वहां मची चीख-पुकार सुनकर जब लोग पहुंचे तो आतंकवादी वहा से गायब हो गए।

इस दौरान बलरामपुर के कोतवाली नगर क्षेत्र के मधवाजोत गांव के ही संतोष कुमार वर्मा ने बताया कि वह बस में आगे ड्राइवर की सीट के बगल में ही बैठे थे।शिवखोड़ी से वापस आते समय जब बस एक मोड़ पर कुछ धीमी हुई तभी गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई पड़ने लगी।संतोष ने बताया पहले तो समझ में ही नहीं आया कि यह आवाज कैसी है और कहां से आ रही है।संतोष ने कहा कि पहाड़ी इलाका होने के कारण यह शायद कोई पत्थर गिरने की आवाज़ है, लेकिन तभी बस के कांच टूटने लगे और बस के ठीक सामने मुंह पर कुछ नकाब डालें एक आतंकवादी दिखाई पड़ा जो बस को निशाना साधकर उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रहा था।

संतोष ने इस दौरान बताया कि ये गोलियां चारों तरफ से चल रही थी।इससे लग रहा था कि कई सारे आतंकवादी हैं, लेकिन दिखाई सिर्फ एक ही पड़ रहा था जो बस के बिलकुल सामने था।आतंकवादी के मुंह पर नकाब था और कपड़े फौजी की तरह ही पहने हुए था। इसी बीच अचानक एक गोली ड्राइवर की कनपटी पर आकर लगी और बस पूरी तरह से अनियंत्रित हो गई।संतोष ने बताया बस अनियंत्रित होकर खाई में गिरने लगी तब भी वह गोलियां चल ही रही थी।खाई में गिरने के बाद भी लगभग 15 मिनट तक आतंकवादी फायरिंग करते रहे।

बस के बीचोंबीच बैठी हुई गीता देवी ने बताया कि जब गोलियों की आवाज सुनाई पड़ने लगी तो सभी लोग पूरी तरह से सतर्क हो गए और बस के दरवाजे को बंद करने लगे। गीता देवी ने बताया कि बस के खाई में पलटने से पहले ही कुछ लोगों ने बस में चढ़ने की भी कोशिश की, लेकिन बस का दरवाजा बंद होने से बस के अंदर कोई भी घुस नहीं पाया।इसी बीच बस खाई की तरफ पलट गई।बस पलटने के बाद उसकी खिड़की का दरवाजे टूट गए।गीता देवी ने बताया कि वह बस के बाहर चट्टानों पर ही जाकर गिरी तब भी आतंकवादी फायरिंग करते रहे।

गीता ने आगे बताया कि कुछ देर रुक रुककर फायरिंग होती रही। जब लोगों की चीख पुकार मचती तो फिर से तेज फायरिंग होने लगती,जो यात्री होश में थे वह एक दूसरे को चुप ही करा रहे थे। बस के खाई में गिरने के करीब 15 मिनट तक लगातार तेज फायरिंग की जा रही थी।आतंकवादी ऊपर से ही घात लगाकर गोलियां बरसा रहे थे।गीता देवी ने भी बताया कि यदि हमारी बस खाई में ना पलटी तो शायद कोई श्रद्धालु जिंदा न बचता।

बस में लगभग 50 से ज्यादा लोग सवार थे। इनमें से 14 लोग बलरामपुर जिले के ही थे।इस हमले में बलरामपुर के दो लोगों की मौत भी हो गई थी, जबकि 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।बुधवार की देर रात तक मृतक अनुराग वर्मा और रूबी का शव बलरामपुर लाया गया।गंभीर रूप से घायलों को भी बलरामपुर पहुंचने पर उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराया गया। बुधवार की देर रात ही अनुराग वर्मा के शव का अन्तिम संस्कार कर दिया गया जबकि रुबी के शव का अन्तिम संस्कार आज गुरुवार को ही किया गया।गुरुवार को घायलों को जिला प्रशासन ने उनके घर पहुंचा दिया है।घायलों से मिलने और घटना की आंखों देखी हाल सुनाने के लिए लोगों की वहा पर भारी भीड़ घायलों के घर पहुंच रही है।

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