Wednesday, September 11, 2024

“वक्फ संपत्ति में सुधार की आवश्यकता: जावेद अहमद का बयान”?

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AIN NEWS 1: असदुद्दीन ओवैसी और अन्य मुस्लिम नेताओं पर वक्फ की बड़ी संपत्ति पर कब्जा करने के आरोप लग रहे हैं। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के पास वक्फ की 3 हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति बताई जाती है। यह संपत्ति किराए पर ली गई है और इसका लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच रहा है। वक्फ एक्ट में संशोधन की जरूरत पर चर्चा हो रही है, जिसे जल्द ही संसद में पेश किया जा सकता है।

वक्फ एक्ट में संशोधन की आवश्यकता

जावेद अहमद, वक्फ वेलफेयर फोरम के चेयरमैन, ने वक्फ एक्ट में संशोधन की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि यह सरकार की नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि पिछला संशोधन 2013 में हुआ था, लेकिन सुधार की गुंजाइश बनी रही। उन्होंने वक्फ के पास बेजा कब्जे की समस्या का उल्लेख किया, जिसमें डीएम वक्फ की मांग को मानने के लिए बाध्य नहीं होते, जिससे अतिक्रमण की समस्या उत्पन्न होती है।

वक्फ की प्रॉपर्टी पर विवाद

जावेद अहमद ने बताया कि वक्फ की प्रॉपर्टी पर गलत दावे किए जाते हैं, लेकिन यह एक सिस्टम का हिस्सा है जिसमें गलतियां हो सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में कहा था कि एक बार वक्फ की गई संपत्ति हमेशा के लिए वक्फ मानी जाती है, लेकिन गलत दावे करके संपत्ति हथियाने की कोशिशें गलत हैं। वक्फ प्रॉपर्टी का सर्वे हर 10 साल में किया जाता है और राज्य सरकारों को इसे ठीक से देखना चाहिए।

वक्फ एक्ट के संशोधन का विरोध

कुछ मुस्लिम नेता वक्फ एक्ट के संशोधन को धार्मिक आजादी के खिलाफ बता रहे हैं, जबकि जावेद अहमद ने सरकार की मंशा को सही बताते हुए कहा कि संशोधन से माइनोरिटी समुदाय को लाभ होगा। उन्होंने बताया कि वक्फ संपत्ति का वैरिफिकेशन और विवादित संपत्तियों को सही तरीके से लौटाना महत्वपूर्ण है, लेकिन इसमें सरकार की नीयत का सही होना जरूरी है।

वक्फ संपत्ति का स्रोत और प्रबंधन

वक्फ की संपत्ति विभिन्न धार्मिक दानों से आती है, जिसमें जमीनें, बाग, तालाब, मकान और कैश शामिल हैं। अंग्रेजों के समय में मुस्लिम जमींदारों ने दान किए और इसका लेखाजोखा रखा गया। जावेद अहमद ने ओवैसी और अन्य नेताओं के वक्फ संपत्ति पर कब्जे के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि अगर बिल लागू होता है तो पारदर्शिता आएगी और वक्फ की संपत्ति सही तरीके से प्रबंधित की जाएगी।

मुस्लिम देशों में वक्फ की स्थिति

जावेद अहमद ने बताया कि मुस्लिम देशों में वक्फ का अलग कानून नहीं होता, लेकिन यह काम करता है। भारत में भी वक्फ एक चैरिटी का रूप है जो इस्लामिक कानून के अनुसार काम करता है। अलग-अलग बोर्डों की स्थापना का उद्देश्य प्रॉपर्टी की संख्या और मेंटेनेंस में आसानी है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में शिया वक्फ के लिए अलग व्यवस्था की कमी की भी बात की गई है।

इस प्रकार, वक्फ एक्ट में सुधार की जरूरत है ताकि संपत्ति का सही तरीके से प्रबंधन हो सके और इसका लाभ जरूरतमंदों तक पहुंच सके।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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