AIN NEWS 1 : उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस आदेश को लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद ने इसे भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक करार देते हुए कोर्ट जाने की घोषणा की है।
जमीयत उलेमा ए हिंद की प्रतिक्रिया
जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने इस आदेश की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि यह आदेश संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और इससे सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने बताया कि यह फैसला धार्मिक आधार पर भेदभाव करने वाला है और इससे देश में धार्मिक नफरत फैल सकती है।
सर्वव्यापी आदेश
पहले मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित होटलों, ढाबों और भोजनालयों को दुकानदारों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश जारी किया गया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में ऐसा ही आदेश लागू करने का निर्णय लिया है।
मध्य प्रदेश में भी लागू करने की मांग
वहीं, कुछ लोग इस आदेश को मध्य प्रदेश में भी लागू करने की मांग कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक ने कहा कि मध्य प्रदेश में भी ऐसा कदम उठाया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने उत्तर प्रदेश में इस आदेश को उचित ठहराया है, जबकि उनका कहना है कि कांवड़ यात्रा के दौरान पुलिस द्वारा नाम लिखवाने में कुछ गलत नहीं है।
आगे की कार्रवाई
जमीयत उलेमा ए हिंद ने इस आदेश को चुनौती देने के लिए अपनी कानूनी टीम को सक्रिय कर दिया है। रविवार को इस मुद्दे पर एक अहम बैठक भी बुलाई गई है।