AIN NEWS 1: टोरंटो के सिटी हॉल में इंडिया डे परेड के दौरान एक वायरल वीडियो में खालिस्तानी तत्वों को भारतीय ध्वज को चाकू से फाड़ते और ‘भारत जाओ’ के नारे लगाते हुए देखा जा रहा है। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया गया है।
इंडिया डे परेड का आयोजन और सुरक्षा
टोरंटो में आयोजित यह इंडिया डे परेड भारतीय स्वतंत्रता की सबसे बड़ी महोत्सवों में से एक है। इस साल, परेड को सुरक्षा के विशेष इंतजामों के साथ आयोजित किया गया था। सुरक्षा की ये अतिरिक्त व्यवस्था इस कारण की गई थी क्योंकि खालिस्तानी समर्थक समूहों ने इस परेड के पास एक प्रतिकूल रैली आयोजित करने की योजना बनाई थी।
परेड की विशेषताएँ
“GO BACK TO INDIA:” Khalistanis yelled at an India Day gathering at Toronto City Hall while ripping apart the Indian flag with knives.
Their protest to counter the event was billed as the “next face-off” after a confrontation in Surrey, BC, on India’s Independence Day.
Tensions… pic.twitter.com/jaNtXsVMlI
— Mocha Bezirgan 🇨🇦 (@BezirganMocha) August 18, 2024
इस परेड को पैनोरामा इंडिया द्वारा आयोजित किया गया, जो भारतीय-कनाडाई सांस्कृतिक संगठनों का एक छाता समूह है। पैनोरामा इंडिया की अध्यक्ष वैदेही भगत ने बताया कि इस वर्ष की परेड में “भारत के बाहर सबसे बड़ा भारतीय ध्वज” प्रदर्शित किया जाएगा और 20 फ्लोट्स विभिन्न भारतीय राज्यों का प्रतिनिधित्व करेंगे।
खालिस्तानी समूहों की गतिविधियाँ
खालिस्तानी समर्थक समूहों ने इस परेड के दौरान नजदीक एक रैली आयोजित करने की योजना बनाई थी, जिसका उद्देश्य ‘खालिस्तान सिखों’ और ‘कनाडाई हिंदुओं’ के बीच एक ‘फेस-ऑफ’ का था। इस वजह से परेड के आसपास तनाव बढ़ गया था।
प्रधानमंत्री ट्रुडो का बयान और इसके प्रभाव
हाल ही में, खालिस्तानी समूहों को कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो के 18 सितंबर के बयान से बल मिला। ट्रुडो ने भारतीय एजेंटों को खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जोड़ने वाली “विश्वसनीय आरोपों” का उल्लेख किया था। इसके जवाब में, भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए कहा कि सरकार का इन घटनाक्रमों से कोई लेना-देना नहीं है और भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र है जो कानून के शासन के प्रति प्रतिबद्ध है।
समापन
इस साल की परेड की विशेषता यह थी कि यह पैनोरामा इंडिया की 25वीं सालगिरह का प्रतीक थी। नाथन फिलिप्स स्क्वायर में आयोजित इस महोत्सव में सांस्कृतिक प्रदर्शन और विभिन्न भारतीय व्यंजनों का आनंद लिया गया।
इस घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि सांस्कृतिक उत्सवों में राजनीतिक और धार्मिक तनावों की उपस्थिति सुरक्षा और आयोजन की जटिलताओं को बढ़ा सकती है।