AIN NEWS 1: अगस्त में रक्षाबंधन, 15 अगस्त और जन्माष्टमी जैसे बड़े त्योहार आ रहे हैं, जिनमें मिठाइयों और पकवानों के लिए घी की जरूरत होती है। हाल ही में खाद्य सुरक्षा विभाग ने अलीगढ़ में 50 क्विंटल नकली घी जब्त किया है, जिसे बाजारों में बेचा जाना था। यह घी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि कैंसर, फूड पॉइजनिंग और अन्य गंभीर बीमारियाँ। इसलिए, घी खरीदने से पहले इसकी शुद्धता की जांच करना जरूरी है।
नकली घी की पहचान के तरीके:
1. FSSAI का 5 सेकंड टेस्ट:
– एक कांच की कटोरी में आधा चम्मच घी डालें।
– इसमें 2-3 बूंद टिंक्चर आयोडीन डालें।
– यदि घी का रंग नीला हो जाए, तो इसका मतलब है कि इसमें स्टार्च मिलाया गया है, जो नकली घी की निशानी है।
2. रंग और गंध की जांच:
– शुद्ध घी का रंग सुनहरा पीला होता है। यदि रंग बहुत चमकीला या सफेद है, तो संदेह करें।
– शुद्ध घी की गंध सुगंधित होती है। यदि गंध कृत्रिम या खराब है, तो घी मिलावटी हो सकता है।
3. ठंडा और गर्म करने पर जांच:
– शुद्ध घी ठंडा होने पर सफेद हो जाता है और गर्म करने पर पिघल जाता है। यदि घी पिघलने पर पानी जैसा दिखे, तो इसमें पानी मिलाया गया है।
– एक चम्मच घी को एक गिलास गर्म पानी में डालें। यदि घी पानी में घुल जाए, तो यह मिलावटी है।
– शुद्ध घी को आग पर गर्म करने पर यह धीरे-धीरे पिघलता है और धुआं नहीं निकलता। यदि घी जल्दी पिघल जाए और धुआं निकले, तो यह मिलावटी हो सकता है।
क्यों महत्वपूर्ण है शुद्ध घी का इस्तेमाल?
– स्वास्थ्य समस्याएं:नकली घी में हानिकारक केमिकल्स और मिलावट हो सकते हैं जो पेट, लिवर, किडनी और त्वचा की समस्याओं का कारण बन सकते हैं। लंबे समय तक सेवन से कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है।
– पोषण की कमी: मिलावटी घी में शुद्ध घी के मुकाबले पोषक तत्व कम होते हैं और इसमें कई हानिकारक तत्व होते हैं।
इन उपायों से आप अपने और अपने परिवार की सेहत की रक्षा कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।