AIN NEWS 1: पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार और कोलकाता पुलिस को कठघरे में खड़ा कर दिया है। इस केस को लेकर सरकार और पुलिस की लापरवाहियों ने जनता का गुस्सा बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में ममता बनर्जी सरकार और पुलिस को फटकार लगाई है। आइए जानते हैं इस मामले में किस-किस तरह की गलतियाँ हुईं:
1. मामले को दबाने की कोशिश: घटना के दिन कोलकाता पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताया, जबकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने साफ किया कि डॉक्टर की रेप के बाद हत्या की गई थी। पीड़िता के माता-पिता को उनके बेटी के शव को देखने के लिए तीन घंटे से अधिक समय तक इंतजार कराया गया। इसके बाद, पुलिस ने शव का जल्द अंतिम संस्कार करने का दबाव बनाया।
2. साक्ष्यों को नष्ट करने की कोशिश : रेप और हत्या की घटना से संबंधित सेमिनार हॉल में घटना के कुछ समय बाद ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। बाथरूम की दीवार का एक हिस्सा भी तोड़ दिया गया। इन उपायों से ऐसा प्रतीत होता है कि सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की गई।
3. आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पर कोई कार्रवाई नहीं: इस घटना के बाद कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने अपना पद छोड़ दिया, लेकिन उनकी खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। सरकार ने उन्हें कोलकाता के नेशनल मेडिकल कॉलेज में सीनियर पद पर पोस्टिंग दे दी। घोष ने पहले घटना को आत्महत्या करार दिया था।
4. प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ : घटना के विरोध में जब डॉक्टर और अन्य लोग 14 अगस्त की रात कोलकाता में प्रदर्शन कर रहे थे, तब आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भीड़ घुस गई और तोड़फोड़ की। पुलिस ने इस स्थिति पर कोई कार्रवाई नहीं की और भीड़ को बढ़ने दिया।
5. सवाल उठाने वालों के खिलाफ कार्रवाई : ममता बनर्जी सरकार ने आलोचनाओं के बावजूद इस मामले को लेकर सवाल उठाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की। मीडिया और सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों को दबाने का प्रयास किया गया। इसके चलते पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों से कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया और उन्हें नोटिस जारी किए गए।
इन घटनाक्रमों ने स्पष्ट कर दिया है कि पश्चिम बंगाल सरकार और कोलकाता पुलिस ने इस गंभीर मामले में उचित कार्रवाई करने में बड़ी चूक की। सुप्रीम कोर्ट के फटकार ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है और अब यह देखना होगा कि आगे की प्रक्रिया में क्या सुधार किया जाएगा।