AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के मल्हीपुर क्षेत्र स्थित गंगापुर के एक मदरसे में नकली नोट छापने का बड़ा रैकेट पकड़ा गया है। इस गिरोह का सरगना मुबारक अली उर्फ नूरी फैजुरनबी नामक व्यक्ति है, जो इसी मदरसे का प्रबंधक भी है। पुलिस ने छापेमारी के दौरान नकली नोट छापने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण, 34,500 रुपये के नकली नोट और अवैध हथियार बरामद किए हैं।
कैसे चला रहा था धंधा?
पुलिस के मुताबिक, मुबारक अली ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर नकली नोट बनाने का तरीका सीखा। इसके बाद उसने मदरसे को नकली नोट छापने का अड्डा बना लिया। छापेमारी के दौरान मदरसे से प्रिंटर, लैपटॉप, स्याही और नकली नोटों के अलावा 15,000 रुपये के असली नोट और हथियार भी बरामद हुए हैं।
गिरफ्तारी और बरामदगी
पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो आरोपी मौके पर पकड़े गए, जबकि तीन अन्य को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में दो श्रावस्ती और तीन बहराइच जिले के रहने वाले हैं। पुलिस का कहना है कि यह रैकेट लंबे समय से सक्रिय था और नकली नोट स्थानीय बाजार में चलाए जा रहे थे।
सरगना की पांच पत्नियां
गिरोह के सरगना मुबारक अली की निजी जिंदगी भी चर्चा में है। उसकी पांच पत्नियां हैं, जिनमें से एक इसी मदरसे में शिक्षिका है। अन्य पत्नियों में एक घर में रहती है, जबकि बाकी तीन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिली है।
मदरसे का दुरुपयोग
पुलिस का कहना है कि मदरसा शिक्षा के नाम पर चलाया जा रहा था, लेकिन इसकी आड़ में नकली नोट बनाने का गैरकानूनी काम किया जा रहा था। छापेमारी के दौरान मदरसे से अवैध हथियार भी मिले हैं, जिससे गिरोह के आपराधिक मंसूबों का खुलासा होता है।
जांच जारी
फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि नकली नोट बनाने का यह काम कितने समय से चल रहा था। पुलिस को शक है कि यह रैकेट अन्य जिलों और राज्यों में भी फैला हो सकता है।
यह मामला न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे शैक्षणिक संस्थानों का दुरुपयोग गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने नकली नोटों का एक बड़ा रैकेट उजागर किया है, लेकिन इससे जुड़े सभी पहलुओं की जांच अभी जारी है।