AIN NEWS 1: प्रयागराज में 2025 का महाकुंभ ऐतिहासिक और भव्य आयोजन बनने जा रहा है। 2013 के महाकुंभ की तुलना में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या, व्यवस्थाओं और तकनीकी सुधारों में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है। सरकार इस आयोजन पर 5,060 करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर रही है। आइए जानते हैं इस महाकुंभ की विशेषताएं, व्यवस्थाएं और भव्य तैयारियां।
श्रद्धालुओं की संख्या और भव्यता में वृद्धि
2013 में आयोजित महाकुंभ में 12 करोड़ श्रद्धालु शामिल हुए थे। इस बार 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, यानी 28 करोड़ ज्यादा। मेले का क्षेत्रफल भी 16 वर्ग किलोमीटर से बढ़ाकर 40 वर्ग किलोमीटर कर दिया गया है।
प्रमुख दिन:
42 दिन चलने वाले इस आयोजन में 5 शाही स्नान होंगे।
सबसे ज्यादा भीड़ 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर होने की उम्मीद है, जब करीब 4 करोड़ लोग पवित्र स्नान करेंगे।
बजट और व्यवस्थाओं का विस्तार
2013 के मुकाबले महाकुंभ 2025 का बजट लगभग चार गुना बढ़ाकर 5,060 करोड़ रुपए किया गया है।
बजट में योगदान: केंद्र सरकार ने आयोजन के लिए 2,100 करोड़ रुपए प्रदान किए हैं।
सुविधाएं:
डेढ़ लाख शौचालय बनाए जा रहे हैं, जिनमें 300 मोबाइल शौचालय शामिल हैं।
10,000 चेंजिंग रूम की व्यवस्था होगी।
सुरक्षा: अभेद किले जैसी तैयारियां
कुंभ मेले में सुरक्षा को अत्याधुनिक तकनीक और मानव संसाधनों से मजबूत किया गया है।
पुलिस बल: 50,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।
नई सुविधाएं:
56 थाने और 144 चौकियां स्थापित की गई हैं।
2 साइबर थाने और हर थाने में साइबर डेस्क बनाई गई हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कैमरे लगाए गए हैं, जो भीड़ का हेड काउंट करेंगे।
खोया-पाया केंद्रों को हाईटेक बनाया गया है। यदि कोई व्यक्ति खो जाए, तो उसकी जानकारी LED स्क्रीन पर उपलब्ध होगी।
ट्रांसपोर्ट और आवागमन की सुविधा
श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।
रेलवे:
3,000 विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी।
प्रयागराज के अतिरिक्त 8 नए स्टेशन तैयार किए गए हैं।
बस सेवा:
यूपी रोडवेज की 7,000 से ज्यादा बसें संचालित होंगी।
हवाई सेवा:
प्रयागराज एयरपोर्ट से 23 शहरों के लिए सीधी उड़ानें होंगी।
200 से ज्यादा चार्टर्ड विमानों का आगमन होगा।
आवास और भव्य टेंट सिटी
श्रद्धालुओं और वीआईपी मेहमानों के लिए आवासीय सुविधाएं भव्य रूप में तैयार की जा रही हैं।
टेंट सिटी:
150 वीआईपी टेंट, जिनका एक दिन का किराया 30,000 रुपए से ज्यादा होगा।
1,500 सिंगल रूम और 400 फैमिली टेंट उपलब्ध होंगे।
डोम सिटी: यहां ठहरने का किराया 1 लाख रुपए से अधिक होगा।
पुल और क्षेत्रीय विस्तार
गंगा पर पांटून पुलों की संख्या 18 से बढ़ाकर 30 कर दी गई है। इनमें 15 पुल संगम के पास बनाए गए हैं।
गंगा की धारा: बड़ी मशीनों के जरिए गंगा की धारा को झूंसी साइड मोड़ा गया है, जिससे मेले के लिए अतिरिक्त स्थान उपलब्ध हुआ है।
भव्य रोशनी और बिजली व्यवस्था
महाकुंभ को रोशन और भव्य दिखाने के लिए 391 करोड़ रुपए बिजली पर खर्च किए जा रहे हैं।
67,000 स्ट्रीट लाइट और हाईमास्ट लगाए गए हैं।
85 अस्थायी बिजलीघर और 170 सब-स्टेशन स्थापित किए गए हैं।
तकनीकी सुधार: AI और स्मार्ट सुविधाएं
यह पहली बार है जब महाकुंभ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग हो रहा है।
AI कैमरे से भीड़ प्रबंधन होगा।
सभी सुविधाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जोड़ा गया है।
नवल रघुवंशी का अनुभव: पहले से बेहतर व्यवस्थाएं
मध्य प्रदेश के विदिशा निवासी नवल रघुवंशी, जो हर साल कल्पवास के लिए आते हैं, कहते हैं, “2013 के मुकाबले व्यवस्थाएं कई गुना बेहतर हुई हैं। पहले हमारे कैंप में 3 शौचालय थे, अब 11 मिल रहे हैं। 2 नल की जगह 6 नल की सुविधा है।”
महाकुंभ 2025, दिव्यता और भव्यता के साथ ऐतिहासिक आयोजन बनने की राह पर है। श्रद्धालुओं को अद्वितीय अनुभव प्रदान करने के लिए प्रयागराज में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।