Sunday, February 16, 2025

महाकुंभ 2025: अब तक का सबसे दिव्य और भव्य आयोजन, दो लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा?

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AIN NEWS 1 महाकुंभ नगर (प्रयागराज): मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को महाकुंभ 2025 को लेकर तैयारियों की समीक्षा करते हुए इसे अब तक का सबसे दिव्य और भव्य आयोजन बताया। उन्होंने कहा कि यह महाकुंभ न केवल आस्था का केंद्र होगा, बल्कि यह भारत की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देगा। अनुमान है कि इस आयोजन से दो लाख करोड़ रुपये की वृद्धि होगी।

महाकुंभ की विशेषताएं और तैयारियां

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार महाकुंभ मेला 10,000 एकड़ क्षेत्रफल में बसेगा और 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आने की संभावना है। आयोजन के लिए गंगा और यमुना के किनारे अस्थायी शहर बसाया गया है, जिसे दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा अस्थायी शहर कहा जा रहा है।

महत्वपूर्ण तारीखें:

शुभारंभ: 13 जनवरी, 2025 (पौष पूर्णिमा)

समापन: 26 फरवरी, 2025 (महाशिवरात्रि)

प्रमुख स्नान पर्व और अनुमानित संख्या:

मकर संक्रांति (पहला अमृत स्नान): तीन करोड़ श्रद्धालु

मौनी अमावस्या (अमृत स्नान): आठ से 10 करोड़ श्रद्धालु

वसंत पंचमी: पांच से छह करोड़ श्रद्धालु

सुविधाएं और व्यवस्थाएं

यातायात और आवागमन:

देशभर से तीन हजार विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी।

आठ हजार बसें तैनात रहेंगी।

500 शटल बसें प्रयागराज के अंदरूनी क्षेत्रों में सेवाएं देंगी।

300 इलेक्ट्रिक बसें भी चलाई जाएंगी।

बुनियादी ढांचा:

12 किमी में 44 स्नान घाट बनाए गए हैं।

5,000 एकड़ में 103 पार्किंग स्थल तैयार किए गए हैं, जिनमें सात लाख वाहन खड़े हो सकते हैं।

1.5 लाख टेंट और टॉयलेट की व्यवस्था की गई है।

550 किमी की चकर्ड प्लेट सड़कों का निर्माण किया गया है।

आस्था और अर्थव्यवस्था का समागम

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ 2025 सनातन संस्कृति का गौरव बढ़ाने वाला आयोजन होगा। यह आयोजन आस्था और आधुनिकता का अद्भुत समागम प्रस्तुत करेगा। इसमें लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा, जिससे प्रयागराज और पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

महाकुंभ का आर्थिक योगदान:

अनुमान है कि इस महाकुंभ से दो लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।

आयोजन के दौरान लाखों लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पाएंगे।

शासन की उपलब्धियां और संतों का स्वागत

मुख्यमंत्री ने 13 अखाड़ों में जाकर संतों का स्वागत किया। सभी अखाड़ों में पांच से छह मिनट रुककर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि इस बार का महाकुंभ 144 वर्षों बाद आने वाले शुभ मुहूर्त में आयोजित हो रहा है, जो इसे और भी खास बनाता है।

उन्होंने संविधान गैलरी और उत्तर प्रदेश पवेलियन का उद्घाटन किया और प्रयागराज मेला प्राधिकरण के कंट्रोल सेंटर में तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रशासन ने सभी 13 अखाड़ों और संतों के शिविरों को व्यवस्थित कर दिया है।

डबल इंजन सरकार की सफलता

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले कुंभ और महाकुंभ अव्यवस्था, गंदगी और भगदड़ के लिए जाने जाते थे। लेकिन डबल इंजन की सरकार ने 2019 में दिव्य और भव्य कुंभ का सफल आयोजन किया। इस बार के महाकुंभ में बुनियादी ढांचे को दोगुना विकसित किया गया है।

उन्होंने यजुर्वेद का श्लोक पढ़ते हुए कहा कि महाकुंभ का आयोजन सनातन परंपरा का गौरव है। यह आयोजन पूरे विश्व को भारतीय संस्कृति और व्यवस्थाओं की भव्यता दिखाएगा।

सुरक्षा और तकनीकी प्रबंधन

महाकुंभ के दौरान 24 घंटे सुरक्षा के लिए निगरानी कैमरे और ड्रोन तैनात रहेंगे।

एकीकृत नियंत्रण एवं कमांड सेंटर (आईटीसीसी) से पूरे आयोजन पर नजर रखी जाएगी।

अमृत स्नान और श्रद्धालुओं का उत्साह

मुख्यमंत्री ने बताया कि संतों ने इस महाकुंभ के अमृत स्नान को विशेष महत्व दिया है। इस बार अमृत स्नान पर्व पर करोड़ों श्रद्धालुओं के संगम में पुण्य की डुबकी लगाने की उम्मीद है।

महाकुंभ 2025, योगी सरकार की दृष्टि और प्रयागराज के समर्पित प्रशासन का प्रतीक होगा। यह आयोजन केवल आस्था का उत्सव नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक समृद्धि का उदाहरण बनेगा।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।

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