AIN NEWS 1 नई दिल्ली: महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विवादों के चलते उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी ने उनका महाराष्ट्र से ट्रेनिंग प्रोग्राम रद्द कर दिया है। एकेडमी ने उन्हें तुरंत वापस बुलाने के लिए एक पत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें महाराष्ट्र राज्य सरकार के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से मुक्त किया जाता है और 23 जुलाई 2024 के बाद एकेडमी में शामिल होने का निर्देश दिया गया है।
पूजा खेडकर पर कई गंभीर आरोप लगे हैं:
1. साक्षात्कार में छूट का दुरुपयोग: आरोप है कि पूजा ने दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का प्रमाण पत्र जमा करके UPSC परीक्षा में विशेष रियायतें प्राप्त कीं। यदि उन्हें ये रियायतें नहीं मिलतीं, तो उनके लिए IAS बनना मुश्किल होता।
2. मेडिकल परीक्षण में हेराफेरी: पूजा पर आरोप है कि उन्होंने मेडिकल जांच से गुजरने से बार-बार इनकार किया। वे छह बार मेडिकल परीक्षण को टाल चुकी हैं और बाहरी मेडिकल एजेंसी से एमआरआई रिपोर्ट जमा करने का विकल्प चुना, जिसे UPSC ने पहले स्वीकार नहीं किया था, लेकिन बाद में मान लिया गया।
3. उम्र में अनियमितता: दस्तावेजों के अनुसार, पूजा ने 2020 और 2023 में केंद्रीय अपीलीय ट्रिब्यूनल को अपनी उम्र में मात्र एक साल का अंतर दिखाया, जबकि तीन साल का अंतर होना चाहिए था। उन्होंने अपनी बेंचमार्क डिसेबिलिटी साबित करने के लिए कोई टेस्ट नहीं कराया।
4. पद के दुरुपयोग के आरोप: पुणे में प्रोबेशनरी IAS अधिकारी के रूप में पूजा पर पद के दुरुपयोग का आरोप है। उन्होंने कई सुविधाओं की मांग की, जो प्रशिक्षु अधिकारियों को नहीं मिलतीं। इसके अलावा, उन्होंने अपने वाहन पर ‘महाराष्ट्र सरकार’ का साइनबोर्ड लगाया और एक आधिकारिक कार, आवास, कार्यालय कक्ष, और अतिरिक्त स्टाफ की मांग की। सीनियर अधिकारी की अनुपस्थिति में उनके चैंबर पर भी कब्जा कर लिया था।
इन घटनाओं के बाद पुणे कलेक्टर सुहास दिवासे ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा और पूजा खेडकर की शिकायत की। इसके बाद उनका तबादला वाशिम जिले में कर दिया गया, जहां वे असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में कार्यरत हैं।
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