AIN NEWS 1: बसपा सुप्रीमो मायावती ने हाल ही में एक स्पष्ट बयान दिया है कि उनकी पार्टी भविष्य में समाजवादी पार्टी (सपा) या कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी। यह घोषणा मायावती ने मथुरा के एक बीजेपी विधायक द्वारा की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की निंदा के बाद की, जिसके बाद गठबंधन की संभावनाओं पर अटकलें तेज हो गई थीं।
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया देते हुए शनिवार को कांग्रेस के संविधान सम्मान समारोह पर सवाल उठाए। इस समारोह में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी शामिल हुए थे। मायावती ने लिखा कि संविधान सम्मान समारोह करने वाली कांग्रेस पार्टी को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनुयायी कभी माफ नहीं करेंगे, जिन्होंने बाबा साहेब को जीवित रहते हुए और उनके निधन के बाद भी भारतरत्न की उपाधि से सम्मानित नहीं किया।
मायावती ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने कांशीराम जी के निधन पर केंद्र सरकार के दौरान राष्ट्रीय शोक का ऐलान नहीं किया। उन्होंने कांग्रेस की दोगली सोच और चाल पर भी सवाल उठाया और इसे दलित समाज के प्रति अनुचित बताया।
इसके अतिरिक्त, मायावती ने कांग्रेस पर यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने अपनी सरकार के दौरान राष्ट्रीय जातीय जनगणना नहीं कराई, जबकि बीएसपी हमेशा इसके पक्ष में रही है। उन्होंने एससी/एसटी आरक्षण में वर्गीकरण और क्रीमीलेयर की साजिश का विरोध करने के लिए कांग्रेस, सपा और बीजेपी को दोषी ठहराया।
मायावती ने कहा कि सपा और कांग्रेस जैसे आरक्षण विरोधी दलों के साथ कोई गठबंधन SC, ST और OBC वर्गों के हित में उचित नहीं होगा। उन्होंने अपनी पार्टी को सलाह दी कि वह इन पार्टियों के बिना अपने दम पर चुनाव लड़े और अपनी स्वतंत्र स्थिति बनाए रखें।
इस प्रकार, मायावती ने साफ कर दिया है कि भविष्य में सपा और कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं होगा और उनकी पार्टी अपने मार्ग पर आगे बढ़ेगी। यह बयान गठबंधन राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है और बसपा की आगामी चुनावी रणनीति को स्पष्ट करता है।