AIN NEWS 1: कन्नौज में अखिलेश यादव और डिंपल यादव के करीबी सहयोगी नवाब सिंह यादव की हालिया गिरफ्तारी ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। नवाब पर 15 वर्षीय लड़की के साथ छेड़खानी और रेप की कोशिश का आरोप है। कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आइए इस मामले के प्रमुख पहलुओं पर नजर डालते हैं:
मामले की जानकारी
नवाब सिंह यादव पर आरोप है कि उन्होंने एक नाबालिग लड़की के कपड़े उतारे और रेप की कोशिश की। लड़की अपनी बुआ के साथ नवाब के डिग्री कॉलेज गई थी। पुलिस ने नवाब को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। घटना के समय एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें नवाब और पीड़िता की बुआ नजर आ रही हैं। वीडियो में नवाब का बुआ के साथ हाथ पकड़े हुए दिखना, और पुलिस के आने पर हाथ छोड़ना स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
पीड़िता की बुआ का राजनीतिक बैकग्राउंड
पीड़िता की बुआ कन्नौज के एक गांव की रहने वाली हैं और उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा जॉइन की थी। इससे पहले वे 8 साल तक सपा से जुड़ी रहीं। उनके राजनीतिक रसूख के चलते गांव में उनकी छवि विवादित रही है। घटना के समय वे नवाब के साथ बैठी हुई नजर आईं।
वीडियो और एफआईआर में असंगति
एफआईआर के अनुसार, घटना की रात लड़की और उसकी बुआ रात 11 बजे तिर्वा पहुंचे थे, जबकि वायरल वीडियो में लड़की ने रात 9 बजे से पहले का समय बताया। एसपी कन्नौज अमित कुमार आनंद ने बताया कि लड़की ने 1:35 बजे 112 पर कॉल किया और पुलिस 1:51 बजे मौके पर पहुंची।
नवाब की राजनीतिक स्थिति
नवाब सिंह यादव अखिलेश यादव के करीबी सहयोगी थे और कन्नौज में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते थे। जब अखिलेश ने 2017 विधानसभा चुनाव में टिकट देने से इनकार किया, तो नवाब की स्थिति कमजोर हो गई। 2019 में डिंपल यादव की हार के बाद नवाब की भूमिका और भी विवादित हो गई थी।
राजनीति पर प्रभाव
1. सपा के भीतर शक्ति संघर्ष : नवाब की गिरफ्तारी से कन्नौज में सपा के दूसरे गुट को फायदा हो सकता है। जिन नेताओं को नवाब की स्थिति से नुकसान हुआ है, वे अब अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर सकते हैं।
2. भाजपा को मुद्दा मिला : भाजपा नवाब के मामले को महिला सुरक्षा के मुद्दे के रूप में प्रस्तुत कर सकती है और इसे सपा के चरित्र को उजागर करने के लिए इस्तेमाल कर सकती है।
निष्कर्ष
नवाब सिंह यादव की गिरफ्तारी ने कन्नौज और उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। यह मामला न केवल नवाब की राजनीतिक स्थिति पर असर डालेगा बल्कि सपा और भाजपा के बीच चल रही राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को भी और तेज करेगा।