AIN NEWS 1 | सुप्रीम कोर्ट में आज राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) के पेपर लीक मामले पर सुनवाई हो रही है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
मुख्य बिंदु:
- परीक्षा और विवाद: नीट-यूजी परीक्षा में 24 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। विवादों के चलते विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया है।
- सीबीआई की जांच: सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया है कि सीबीआई ने पेपर लीक और कदाचार की जांच संबंधी दूसरी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है।
- छात्रों की चिंता: सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले को शुक्रवार को सुनने का सुझाव दिया, लेकिन सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुनवाई आज ही की जाएगी क्योंकि लाखों छात्र फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
सीजेआई की टिप्पणियां:
- पेपर लीक का पैमाना: सीजेआई ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि पेपर लीक बड़े पैमाने पर हुआ है और परीक्षा रद्द होनी चाहिए।
- सरकारी कॉलेजों में सीटें: सीजेआई ने पूछा कि सरकारी कॉलेजों में कितनी सीटें हैं। वकील ने जवाब दिया कि 56 हजार सीटें हैं।
- छात्रों की मांग: 131 छात्र दोबारा परीक्षा चाहते हैं, जबकि 254 छात्र इसके खिलाफ हैं।
आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट:
एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट का उल्लेख किया है, जिसमें कहा गया है कि परीक्षा के परिणामों में कोई असामान्यता नहीं थी।
याचिकाकर्ता के वकील की दलीलें:
- एनटीए की गलतियां: याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि एनटीए ने पाठ्यक्रम में 25 प्रतिशत कटौती का दावा किया है, लेकिन नया सिलेबस जोड़ा गया है।
- प्रभावित छात्र: वकील ने कहा कि कुछ छात्र, जिनकी रैंक एक लाख आठ हजार के भीतर है, को सरकारी कॉलेज नहीं मिला।
मिलीभगत के आरोप:
- देशभर में फैले तार: सीजेआई ने कहा कि मिलीभगत के तार देशभर में फैले थे। टॉप 100 छात्रों का एनालिसिस हुआ है और टॉपर्स अलग-अलग सेंटर के हैं।
यह सुनवाई जारी है और लाखों छात्र इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।