AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिससे संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया को सरल और विवादमुक्त बनाया जा सकेगा। इस फैसले के तहत अब परिवार के सदस्य अपनी अचल संपत्ति का बंटवारा और व्यवस्थापन बिना विवाद के आसानी से कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि संपत्ति के बंटवारे और जीवित व्यक्ति द्वारा अपनी संपत्ति को परिजनों के नाम किए जाने के लिए स्टाम्प शुल्क को 5,000 रुपये तय किया जाए। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि पारिवारिक विवादों और कोर्ट केसों की संभावना कम हो सके, जिनका मुख्य कारण उच्च स्टाम्प शुल्क होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार आम आदमी की सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। संपत्ति के बंटवारे और व्यवस्थापन की प्रक्रिया को सरल करने से लोगों को बड़ी सुविधा मिलेगी।
संपत्ति बंटवारे और व्यवस्थापन की नई व्यवस्था
1. बंटवारा:
– बंटवारा विलेख में सभी पक्षकार संयुक्त हिस्सेदार होते हैं और बंटवारा उनके बीच होता है।
– प्रस्तावित छूट मृतक व्यक्ति के सभी लीनियल डीसेंडेंट्स (वंशज) को लागू होगी। उदाहरण के लिए, यदि दादा की संपत्ति में वर्तमान हिस्सेदार चाचा, भतीजा या भतीजी हैं, तो वे इस छूट का लाभ उठा सकते हैं।
2. व्यवस्थापन:
– व्यवस्थापन विलेख में व्यवस्थापनकर्ता अपनी सम्पत्ति को कई पक्षकारों के बीच निस्तारित करता है।
– प्रस्तावित छूट व्यवस्थापनकर्ता को अपनी सम्पत्ति को किसी भी पीढ़ी के वंशजों के पक्ष में निस्तारित करने की अनुमति देती है। इसका मतलब है कि यदि परदादा और परदादी जीवित हैं, तो उनके पक्ष में भी व्यवस्थापन किया जा सकता है, और यदि प्रपौत्र या प्रपौत्री जीवित हैं, तो उनके पक्ष में भी व्यवस्थापन किया जा सकता है।
इस फैसले से संपत्ति के बंटवारे और व्यवस्थापन की प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुविधा बढ़ेगी, जिससे परिवारों में विवाद की स्थिति कम होगी और कानूनी मामलों की संख्या घटेगी।