AIN NEWS 1 | देश में एक बार फिर से नरेंद्र मोदी की अगुवाई में NDA सरकार का गठन हो गया है। ऐसे में अब इन चर्चाओं पर विराम लग गया है कि देश में किसकी सरकार होगी और सुधारों की रफ्तार कैसी रहेगी। माना जा रहा है कि इस बार पीएम का फोकस इस बात पर रहेगा कि हर मंत्रालय में जो काम शुरु हो वो सरकार के कार्यकाल के दौरान ही पूरा कर लिया जाए। ये टारगेट इस लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इंफ्रास्ट्रक्चर पर अपने दोनों कार्यकाल में जबरदस्त काम और खर्च करने वाली NDA सरकार को तमाम कोशिशों के बावजूद इस मोर्चे पर थोड़ी मायूसी हाथ लगी है। दरअसल, सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2024 में 150 करोड़ रुपये से ज्यादा के 448 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की लागत में कुल 5.55 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। मंत्रालय 150 करोड़ रुपये और इससे ज्यादा लागत के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की निगरानी करता है।
प्रोजेक्ट्स में देरी ने बढ़ाई लागत
मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट में अप्रैल 2024 के बारे में कहा गया है कि 1838 प्रोजेक्ट्स में से 448 की लागत में बढ़ोतरी हुई है। इन 1838 प्रोजेक्ट्स की कुल मूल लागत 27.64 लाख करोड़ रुपये थी और अब उनकी अनुमानित लागत बढ़कर 33.19 लाख करोड़ रुपये हो गई है। इससे लागत में 5.55 लाख करोड़ रुपये यानी मूल लागत के मुकाबले 20.09 फीसदी का इजाफा हो गया है। इसके अलावा 792 प्रोजेक्ट्स देरी से भी चल रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इन प्रोजेक्ट्स पर अप्रैल 2024 तक कुल 16.92 लाख करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं जो इनकी अनुमानित लागत का 51 परसेंट है।
5.55 लाख करोड़ का नुकसान
देरी से चल रहे 792 प्रोजेक्ट्स में से 220 में कुल मिलाकर 1 से 12 महीने की देरी हुई है। 192 में 13 से 24 महीने की देरी हुई है, 259 में 25 से 60 महीने की देरी हुई है और 121 प्रोजेक्ट्स में 60 महीने से ज्यादा की देरी हुई है। इन 792 देरी से चल रहे प्रोजेक्ट्स में औसत समय बढ़ोतरी 35.4 महीने है। केंद्र सरकार का इंफास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर फोकस बढ़ाने की वजह अर्थव्यवस्था की रफ्तार को बढ़ाना है। इसमें भी रोड और जरुरतमंदों को सस्ते घर मुहैया कराना सरकार की प्राथमिकता है।