AIN NEWS 1: क्या आपने कभी विपक्ष से सुना है कि अगर वे सत्ता में आए तो:
– हर दिन 40 किलोमीटर की जगह 50 किलोमीटर हाईवे बनाएंगे?
– 25 की बजाय 50 AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) स्थापित करेंगे?
– IIT, IIM और NIT की संख्या बढ़ाएंगे?
– हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी खोलेंगे?
– एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, हाईवे, एक्सप्रेसवे और मेट्रो का विस्तार करेंगे?
क्या आपने कभी सुना कि विपक्ष किसान सम्मान निधि को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये करेंगे? या PM आवास योजना के तहत आवासों की संख्या 4 करोड़ से बढ़ाकर 8 करोड़ करेंगे? क्या वे हर घर में गैस पाइपलाइन पहुंचाने और सिलेंडर से मुक्ति दिलाने की बात करेंगे? क्या हर घर को मुफ्त सोलर सिस्टम से बिजली देने का वादा करेंगे?
विपक्ष ने पाकिस्तान से पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) लेने की बात की है? क्या उन्होंने देश में पूंजी निवेश बढ़ाने की बात की है? क्या वे मोदी सरकार से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने की बात करते हैं?
उत्तर है “नहीं”।
विपक्ष की बातों में कुछ प्रमुख बिंदु हैं जो न केवल आश्चर्यजनक हैं बल्कि चिंताजनक भी हैं:
1. 370 का पुनर्निर्माण: वे कश्मीर में अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करने की बात करते हैं, जिससे आतंकवादियों को अधिक समर्थन मिलने की संभावना है।
2. राममंदिर का विवाद: वे राममंदिर के फैसले को बदलने के लिए आयोग बनाने की धमकी देते हैं।
3. अल्पसंख्यक और वक्फ बोर्ड: वे पुरखों की जमीन लेकर अल्पसंख्यकों को देने की बात करते हैं और वक्फ बोर्ड को और अधिकार देने की योजना बनाते हैं।
4. बुलडोजर कल्चर: बुलडोजर कल्चर को समाप्त करने का वादा करते हैं, जो अवैध निर्माणों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है।
5. पाकिस्तान को आर्थिक सहायता: वे पाकिस्तान को आर्थिक सहायता देने की बात करते हैं, जिससे पाकिस्तान को और मजबूत किया जाएगा।
6. चीन को अरुणाचल देना: वे चीन को अरुणाचल प्रदेश सौंपने की बात करते हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
7. RSS पर प्रतिबंध: वे RSS पर प्रतिबंध लगाने की बात करते हैं, जो एक प्रमुख सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी संगठन है।
8. रोहिंग्या को नागरिकता: वे रोहिंग्या को भारतीय नागरिकता देने की बात करते हैं और CAA (सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट) को खत्म करने की योजना बनाते हैं।
विपक्ष की इन योजनाओं के पीछे एक स्पष्ट उद्देश्य नजर आता है: राष्ट्रवाद और सनातन संस्कृति के खिलाफ एक सुनियोजित आक्रमण। हैरानी की बात है कि इस खतरनाक सोच को न केवल कुछ लोगों का समर्थन प्राप्त है, बल्कि यह पूरे देश में फैली हुई है। ऐसे में, देश का सनातनी समाज और राष्ट्रवादी लोग इस विनाशकारी सोच का मुकाबला करने में जुटे हुए हैं और पूरी उम्मीद है कि वे इसे जड़ से उखाड़ फेंकेंगे।