AIN NEWS 1: भारत में मौसम के साथ फलों के सीजन बदलते रहते हैं। तरबूज, खरबूज और आम के सीजन के खत्म होने के साथ अब नाशपाती, बब्बूगोशा और जामुन जैसे फलों का मौसम आ गया है। बब्बूगोशा और नाशपाती, दोनों ही नाशपाती परिवार के फल हैं, लेकिन इनमें कई अंतर हैं।
बब्बूगोशा क्या है?
बब्बूगोशा, यूरोपीय देशों में उगाए जाने वाले नाशपाती का एक प्रकार है। यह भारतीय नाशपाती की तुलना में अधिक मीठा और नरम होता है, और इसमें रस की बजाय गूदा अधिक होता है। इसे पेड़ पर ही पकाया जाता है, लेकिन इसे कम समय के लिए स्टोर किया जा सकता है। भारत में इसे बब्बूगोशा के नाम से जाना जाता है।
नाशपाती की विशेषताएं
नाशपाती, भारत की जलवायु में उगाई जाती है और इसकी त्वचा मोटी और खस्ता होती है। यह लंबे समय तक स्टोर की जा सकती है और जल्दी खराब नहीं होती। दुनियाभर में नाशपाती की 3,000 से अधिक किस्में पाई जाती हैं।
बब्बूगोशा और नाशपाती के गुण
– बब्बूगोशा: यह फाइबर, विटामिन के, पोटेशियम, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे फ्लेवोनॉयड्स से भरपूर होता है। इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है, जिससे यह कब्ज, पाचन और वजन घटाने में सहायक है। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और संक्रामक बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
– नाशपाती: इसमें विटामिन सी, अमीनो एसिड्स, प्रोटीन, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, थायमिन, फोलेट, एंटीऑक्सीडेंट्स, खनिज, मैग्नीशियम और कॉपर प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसे देवताओं का फल माना जाता है और यह इतनी सस्ती होती है कि इसे गरीबों का सेब भी कहा जाता है।
नाशपाती का 3 महीने का सेवन
पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, अगर कोई जुलाई से अक्टूबर तक लगातार नाशपाती खाता है, तो उसके शरीर में पोषण तत्वों का भंडार जमा हो जाता है जो पूरे साल भर उसे स्वस्थ रखता है। इसलिए, इस मौसम में नाशपाती का सेवन जरूर करना चाहिए।
इस प्रकार, बब्बूगोशा और नाशपाती दोनों ही अपने-अपने तरीके से लाभकारी हैं, लेकिन नाशपाती के पोषण तत्व अधिक होते हैं और इसे लंबे समय तक सेवन करके स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है।