AIN NEWS 1 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना पर माफी मांगी है। मोदी ने इस घटना को लेकर कहा कि शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि भगवान के समान हैं। उन्होंने कहा, “सिंधुदुर्ग में जो हुआ, उसके लिए मैं सिर झुका कर माफी मांगता हूं।”
मोदी ने पालघर में 76 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना के शिलान्यास समारोह में यह बयान दिया। इसी दौरान, उन्होंने वीर सावरकर के अपमान का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, “हमारे संस्कार ऐसे हैं कि हम भारत माता के महान सपूत वीर सावरकर का अपमान नहीं सह सकते। ऐसे महान व्यक्तियों का अपमान करने वाले लोग पश्चाताप नहीं करते, यह महाराष्ट्र की जनता को जानना चाहिए।”
प्रधानमंत्री मोदी ने 2013 में बीजेपी द्वारा उन्हें प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाने के बाद रायगढ़ में शिवाजी महाराज की समाधि पर जाकर एक भक्त की तरह नई शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए केवल एक नाम नहीं हैं, बल्कि वे हमारे आदर्श और प्रेरणा स्रोत हैं।
सिंधुदुर्ग में 26 अगस्त को छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा गिर गई थी, जिससे सियासत गरमा गई थी। कांग्रेस, शिवसेना, और एनसीपी जैसे विपक्षी दलों ने इस घटना के लिए बीजेपी की सरकार की आलोचना की थी। इस विवाद के बढ़ने के बाद राज्य के डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजित पवार ने भी माफी मांगी थी। सिंधुदुर्ग पुलिस स्टेशन में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज की गई है, जिसमें ठाणे के मूर्तिकार जयदीप आप्टे का नाम भी शामिल है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना को लेकर जनता से माफी मांगते हुए, महापुरुषों की गरिमा बनाए रखने की बात की है और सावरकर के अपमान पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है।
इस समारोह में मोदी ने महाराष्ट्र में 1,560 करोड़ रुपये की 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया और वधावन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखी।