AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में नजूल विधेयक को लेकर सियासी हलचल बढ़ गई है। इस विधेयक को विधान परिषद में रोके जाने के बाद अब भाजपा के भीतर से भी प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इस पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि विधेयक के प्रभाव को देखते हुए लोगों से बात करना ज़रूरी है। उनका कहना है कि इस विधेयक पर और विचार-विमर्श की आवश्यकता है, और इसे प्रवर समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा गया है।
भूपेंद्र चौधरी ने विधान परिषद में बृहस्पतिवार को भोजनावकाश के बाद इस विधेयक को प्रवर समिति के सुपुर्द करने का सुझाव दिया। उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया और विधेयक को समिति के पास भेजा गया, जो दो माह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। विधान परिषद के 100 सदस्यों में भाजपा के 79 सदस्य हैं, इसलिए इस विधेयक के पारित नहीं होने को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
विधानसभा में बुधवार को इस विधेयक पर पारित किए जाने से पहले कुछ भाजपा विधायकों ने भी इसमें संशोधन की मांग की थी। हालांकि, बाद में इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया था।
निषाद पार्टी के नेता और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने भी इस विधेयक पर अपनी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि जो लोग नदी के पास रहते हैं, उनके पास कागजात कैसे होंगे? उन्होंने विधेयक में संशोधन की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सरकार को सभी के हितों का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि किसी को उजाड़ा गया तो इसका असर आगामी चुनावों में देखा जा सकता है।