AIN NEWS 1 वाराणसी, 16 सितंबर 2024: सोमवार को वाराणसी की सड़कों पर एक भव्य जुलूस-ए-मोहम्मदी आयोजित किया गया, जिसमें लगभग एक लाख लोग शामिल हुए। यह जुलूस हजरत मोहम्मद (स.) के जन्मदिन पर निकाला गया और 15 किलोमीटर लंबा था। जुलूस की शान और रौनक देखते ही बनती थी, जिसमें हर ओर खुशी और उत्साह का माहौल था।
जुलूस का मार्ग और प्रमुख स्थल
जुलूस की शुरुआत सुबह 7.30 बजे रेवड़ी तालाब से काजी-ए-शहर मौलाना जमील अहमद की नेतृत्व में हुई। यह जुलूस भेलूपुर, रविंद्रपुरी, शिवाला, गौरीगंज, मदनपुरा, गौदोलिया, मैदागिन, कबीरचौरा होते हुए बेनियाबाग पहुंचा। फिर यह गिरजाघर, रामापुरा से होते हुए पुनः रेवड़ी तालाब मैदान पर समाप्त हुआ। पूरे रास्ते में “सरकार की आमद मरहबा” और “दिलदार की आमद मरहबा” जैसे धार्मिक नारे गूंजते रहे।
आमद मरहबा की गूंज और देशप्रेम का जज्बा
जुलूस में लोगों के उत्साह और श्रद्धा की झलक साफ देखी गई। हर वर्ग के लोग, चाहे बच्चे हों, बुजुर्ग हों या युवा, सभी भव्य कुर्ता-पायजामा और रंगीन टोपियों में सजे हुए थे। जुलूस में हिंदू भाइयों ने भी सहयोग किया, हाथ में इस्लामिक और तिरंगा झंडा लेकर “सरकार की आमद मरहबा” और “नार-ए-तकबीर” के नारे लगाते हुए दिखे। यह एकता और आपसी सद्भाव का प्रतीक था।
लंगर और तबर्रुक का वितरण
जुलूस के दौरान विभिन्न स्थानों पर लंगर का आयोजन किया गया। दालमंडी के समाजसेवी गुलाम अशरफ और शाहनवाज खान शानू की अगुवाई में लंगर चलाया गया, जबकि दालमंडी व्यापार मंडल ने नया चौक में लंगर मोहम्मदी का आयोजन किया। अर्दली बाजार और अन्य स्थानों पर भी लंगर चलता रहा और तबर्रुक का वितरण किया गया। इसमें सभी वर्गों के लोग शामिल हुए और तबर्रुक प्राप्त किया।
नातिया कलाम और महफिलें
जुलूस के बाद मुस्लिम इलाकों में रात भर नातिया कलाम और हमदो सना की महफिलें सजाई गईं। वरुणा पार के अर्दली बाजार में अंजुमन फैजाने नूरी की ओर से दो दिवसीय जलसा और नातिया मुशायरा आयोजित किया गया, जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग एक साथ नजर आए। इसके अतिरिक्त, रेवड़ी तालाब, मदनपुरा, दालमंडी, नई सड़क और अर्दली बाजार में जगह-जगह स्टेज पर नातिया कलाम पेश किया गया।
नातिया मुकाबला और इज्तेमा
दावते इस्लामी हिंद इंडिया की ओर से रात भर इज्तेमा का आयोजन किया गया। मिल्लत कमेटी ने नई सड़क पर नातिया मुकाबला आयोजित किया, जिसमें कई प्रमुख शख्सियतें शामिल थीं। इस मौके पर विजेता अंजुमनों को इनाम भी दिए गए। इस धार्मिक आयोजन में राहत अली, मोहम्मद आजम, सरफराज खान, तनवीर खान, हबीबुल्लाह, फैज अली, फ़ज़ल बनारसी, हाजी अब्दुल हक और साजिद खान जैसे प्रमुख लोग मौजूद रहे।
निष्कर्ष
जुलूस-ए-मोहम्मदी ने वाराणसी में धार्मिक उत्साह, सामाजिक एकता और आपसी प्रेम की मिसाल पेश की। इस भव्य आयोजन ने सभी समुदायों के बीच भाईचारे और सहयोग की भावना को और मजबूत किया।