AIN NEWS 1 लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को अपनी चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर देने का आदेश जारी किया था। इस आदेश का पालन न करने वाले अधिकारियों की प्रोन्नति पर रोक लगाई जा रही है। हाल ही में 17 इंस्पेक्टरों की प्रोन्नति पर रोक लगा दी गई है क्योंकि उन्होंने अपनी संपत्ति का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया है।
इन 17 इंस्पेक्टरों में शामिल हैं:
– उमेश प्रताप सिंह (सीबीसीआईडी)
– सतीश यादव (डीजीपी मुख्यालय)
– ब्रजेश कुमार वर्मा (लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट)
– भानु प्रताप सिंह (इंटेलीजेंस मुख्यालय)
– राजेंद्र कुमार नागर (मेरठ)
– दीपक शर्मा (प्रयागराज)
– संजय सिंह (आजमगढ़)
– सतीश कुमार रावत (गाजीपुर)
– अंजनी कुमार श्रीवास्तव (ईओडब्ल्यू लखनऊ)
– सतीश वर्मा (अमरोहा)
– शैलेंद्र कुमार सिंह (सीतापुर)
– रोहिताश सिंह
– लक्ष्मी सिंह चौहान
– राजेश कुमार भारती
– सुरजन सिंह
– द्रविड़ कुमार सिंह
– कुसुम लता
डीजीपी मुख्यालय की ओर से जारी एक पत्र में एडीजी कार्मिक राजा श्रीवास्तव ने बताया कि 17 अगस्त को निर्देश दिए गए थे कि सभी अधिकारियों को मानव संपदा पोर्टल पर अपनी संपत्ति का ब्योरा देना होगा। लेकिन इनमें से किसी भी इंस्पेक्टर ने इस आदेश का पालन नहीं किया। इसके परिणामस्वरूप, इन इंस्पेक्टरों की डिप्टी एसपी के पद पर प्रोन्नति पर विचार नहीं किया जाएगा।
पहले इस ब्योरा जमा करने की अंतिम तिथि 30 जून रखी गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 31 जुलाई कर दिया गया। इसके बावजूद, केवल 25 प्रतिशत कर्मचारियों ने ही ब्योरा जमा किया। इस पर तिथि बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी गई थी, जो आज समाप्त हो गई है।
इस कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी संपत्तियों का ब्योरा समय पर देना अनिवार्य है, अन्यथा उन्हें प्रोन्नति और अन्य लाभों से वंचित किया जा सकता है।