AIN NEWS 1: केंद्र सरकार वक्फ अधिनियम में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है, जिसके तहत वक्फ बोर्ड की शक्तियों में कमी की जा सकती है। इस संशोधन विधेयक को संसद में प्रस्तुत किया जा सकता है, और इसके लिए कैबिनेट ने 40 प्रमुख संशोधनों को मंजूरी भी दे दी है।
मौजूदा स्थिति
वर्तमान में वक्फ बोर्ड के पास किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने की शक्ति है। 2013 में, संप्रग सरकार ने वक्फ बोर्ड की शक्तियों को बढ़ाया था, जिससे बोर्ड को अधिक अधिकार प्राप्त हुए। आज वक्फ बोर्ड के पास लगभग 8,72,292 संपत्तियां हैं और वक्फ संपत्तियों से प्रतिवर्ष लगभग 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है।
विवाद और समस्याएँ
वक्फ बोर्ड की शक्तियों को लेकर कई विवाद उठ चुके हैं। आरोप है कि कुछ प्रभावशाली लोग इन संपत्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं और विवादित संपत्तियों को जबरन वक्फ संपत्ति घोषित कर रहे हैं। 2022 में, तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने थिरुचेंदुरई गांव पर अपना हक जताया, जहां बहुसंख्यक हिंदू आबादी रहती है, जो विवाद का कारण बना।
प्रस्तावित बदलाव
संशोधन विधेयक पारित होने के बाद निम्नलिखित बदलाव होंगे:
1. सत्यापन की आवश्यकता : वक्फ बोर्ड अब किसी भी संपत्ति पर अपना हक बिना सत्यापन के नहीं जता सकेगा।
2. विवादित संपत्तियों का पुनर्मूल्यांकन : पुरानी विवादित संपत्तियों का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा।
3. संरचना में बदलाव : वक्फ बोर्ड की संरचना में बदलाव कर महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
4. पंजीकरण और मूल्यांकन : वक्फ बोर्ड को अपनी संपत्तियों का मूल्यांकन कराने के लिए जिलाधिकारियों के पास पंजीकरण कराना होगा।
5. पारदर्शिता और दावे : सभी दावों की पारदर्शी और अनिवार्य सत्यापन की आवश्यकता होगी।
क्यों जरूरी हैं ये संशोधन?
मुस्लिम समुदाय के भीतर भी वक्फ बोर्ड के कामकाज और पारदर्शिता को लेकर सवाल उठ रहे थे। वक्फ बोर्ड में आम मुसलमानों की भागीदारी न होने और राजस्व की जांच में पारदर्शिता की कमी के चलते संशोधन की आवश्यकता महसूस की गई। नई व्यवस्था से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार होगा और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।
संक्षेप में, प्रस्तावित संशोधन वक्फ बोर्ड की शक्तियों को संतुलित करने, पारदर्शिता बढ़ाने और बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हैं।
Garibo ko vi rakhna chye mote log lut raha h
Bhut hi sunder lekh