AIN NEWS 1: वाराणसी में हाल ही में ‘हिंदू रक्षा समिति’ ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा और अत्याचार के विरोध में एक आक्रोश रैली निकाली। इस रैली का उद्देश्य बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ जन जागरूकता फैलाना और विरोध जताना था।
रैली के प्रारंभ में अखिल भारतीय संतजम्बूद्वीप बौद्ध मठ के प्रभारी सुमेधा थेरो ने संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लादेश वर्तमान में राजनीतिक षड्यंत्र और अराजकता के दौर से गुजर रहा है। वहां के हिंदू, सिख, बौद्ध, और जैन संप्रदाय के नागरिकों पर लगातार अत्याचार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भी हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि इन अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
गुरुद्वारा गुरुबाग के मुख्य ग्रंथी सरदार रंजीत सिंह ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि बांग्लादेश में धार्मिक हिंसा के मामले बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेश की सरकार इस हिंसा को रोकने में नाकाम रही है और इसका कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
समिति के स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लादेश में शेख़ हसीना की सरकार के तहत धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। उन्होंने इस बात की ओर इशारा किया कि बांग्लादेश की सरकार को अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
रैली में शामिल लोगों ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा के खिलाफ नारेबाजी की और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने विश्व समुदाय से बांग्लादेश में चल रही हिंसा और अत्याचारों को लेकर गंभीरता से विचार करने की अपील की और बांग्लादेश की सरकार पर दबाव डालने की मांग की।
यह रैली बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश देने के लिए आयोजित की गई थी और इसके माध्यम से आयोजकों ने यह स्पष्ट कर दिया कि इस तरह के मुद्दों पर वे चुप नहीं रहेंगे। रैली के समापन पर आयोजकों ने इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाने का संकल्प लिया और बांग्लादेश की हिंसा के खिलाफ लगातार आवाज उठाने की बात की।