AIN NEWS 1: क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने भारत और रूस के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का जिक्र करते हुए कहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा पूर्व निर्धारित योजना के तहत हो सकता है। हालांकि, उन्होंने पुतिन के भारत दौरे की तारीखों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। यह बयान उस समय आया है जब दोनों देशों के बीच रिश्तों में निरंतर वृद्धि हो रही है और दोनों देशों के नेताओं के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए कई पहल की जा रही हैं।
पेसकोव का यह बयान भारत और रूस के रिश्तों के महत्व को स्पष्ट करता है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, और कूटनीतिक सहयोग में काफी वृद्धि हुई है। खासकर, रूस ने भारत को अपनी रणनीतिक साझेदारी का अहम हिस्सा माना है, और दोनों देशों के बीच आर्थिक एवं राजनीतिक तालमेल को बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
पेसकोव ने कहा कि पुतिन का भारत दौरा दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, लेकिन वर्तमान में यात्रा की तारीखों को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। रूस के राष्ट्रपति का भारत दौरा इस समय इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि रूस और भारत के बीच कई सामरिक, सैन्य और ऊर्जा से जुड़े समझौतों पर चर्चा की जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने रूस के कज़ान शहर का दौरा किया था, जहां उन्होंने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन में भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण चर्चाएं हुई थीं। प्रधानमंत्री मोदी के रूस दौरे के दौरान, दोनों देशों के नेताओं ने आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में कई नए कदम उठाने पर सहमति जताई थी।
भारत और रूस के बीच सहयोग का दायरा बहुत व्यापक है, जिसमें रक्षा उपकरणों की आपूर्ति से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश और दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार को बढ़ावा देने के प्रयास शामिल हैं। रूस भारत को अपनी प्रमुख रक्षा साझेदारों में से एक मानता है, और दोनों देशों के बीच नियमित सैन्य अभ्यास होते हैं। इसके अलावा, ऊर्जा क्षेत्र में भी दोनों देशों का सहयोग लगातार बढ़ रहा है, खासकर प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम के क्षेत्र में।
हालांकि, इस समय तक पुतिन के भारत दौरे की तारीखों के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है, लेकिन भारत और रूस के मजबूत संबंधों को देखते हुए यह यात्रा दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।