AIN NEWS 1: लखीमपुर खीरी के एसपी गणेश प्रसाद साहा के खिलाफ शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। शनिवार को लखीमपुर के छह विधायकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और एसपी के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की। विधायकों का कहना है कि एसपी उनकी एक भी बात नहीं सुनते और माफिया से फोन पर बात करते हैं, जिससे शहर की सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से एसपी को हटाने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने विधायकों की शिकायत पर जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
विधायकों की शिकायत
लखीमपुर जिले में आठ विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से छह विधायक मुख्यमंत्री से मिले थे। इनमें सदर विधायक योगेश वर्मा, धौरहरा विधायक विनोद शंकर अवस्थी, कस्ता विधायक सौरभ सिंह ‘सोनू’, गोला विधायक अमन गिरी, श्रीनगर विधायक मंजू त्यागी और निघायन विधायक शंशाक वर्मा शामिल थे। इन विधायकों ने मुख्यमंत्री से शिकायत की कि एसपी उनकी बात नहीं सुनते और माफिया से संपर्क बनाए रखते हैं, जो शहर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरा बन गया है।
विधायकों ने कहा कि एसपी के रवैये के कारण उनका काम काफ़ी प्रभावित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने विधायकों की शिकायतों को गंभीरता से लिया और जांच कराने का आश्वासन दिया।
प्रमुख सचिव गृह से मुलाकात
इससे पहले, शुक्रवार को सदर विधायक योगेश वर्मा, सौरभ सिंह ‘सोनू’ और विनोद शंकर अवस्थी ने लखनऊ में प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद से मुलाकात की। इन विधायकों ने एसपी गणेश प्रसाद साहा को लखीमपुर से हटाने की मांग की। संजय प्रसाद ने विधायकों को आश्वासन दिया कि उनकी शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएगी। संजय प्रसाद को मुख्यमंत्री योगी का भरोसेमंद अफसर माना जाता है, और उनके बारे में यह माना जाता है कि वह विधायकों की समस्याओं को सुलझाने में सक्षम हैं।
एसपी गणेश प्रसाद साहा का परिचय
आईपीएस अधिकारी गणेश प्रसाद साहा ने 12 जनवरी 2023 को लखीमपुर खीरी जिले के एसपी का पद संभाला। इससे पहले वह नोएडा में डीसीपी के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने गोरखपुर, बांदा, इलाहाबाद और देवरिया जैसे जिलों में भी काम किया है। गणेश प्रसाद साहा को उनके पराक्रम के लिए सम्मानित किया जा चुका है। वह बिहार के किशनगंज जिले के निवासी हैं और यूपीएससी परीक्षा में 373वीं रैंक हासिल की थी। उनका शिक्षा जीवन हिंदी माध्यम स्कूल से शुरू हुआ था।
विधायकों और एसपी के बीच विवाद
विधायकों और एसपी के बीच विवाद की शुरुआत 9 अक्टूबर 2023 से हुई, जब अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के चुनाव के दौरान सदर विधायक योगेश वर्मा को थप्पड़ मारा गया था। यह घटना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में हुई थी, और इसका वीडियो भी सामने आया था। विधायक ने इस मामले में कोतवाल अंबर सिंह को जिम्मेदार ठहराया और उन्हें हटाने की मांग की थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इसके बाद, धौरहरा विधायक विनोद शंकर अवस्थी ने एसपी से धौरहरा इंस्पेक्टर को हटाने की मांग की थी, क्योंकि उनका आरोप था कि इंस्पेक्टर दिनेश सिंह समाजवादी पार्टी के सांसद आनंद भदौरिया के लिए काम कर रहे हैं, और उनकी जान को खतरा हो सकता है। हालांकि, एसपी ने इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की।
इसके बाद, 1 जनवरी 2025 को कस्ता विधायक सौरभ सिंह ‘सोनू’ पर फायरिंग की घटना हुई, जिसमें वह बाल-बाल बच गए। यह घटना उनके घर से 100 मीटर दूर हुई थी। विधायक की पत्नी और पूर्व राज्यसभा सांसद जुगल किशोर के साथ वह घर में रहते हैं। इस घटना के बाद पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया, लेकिन एसपी ने मामले की गंभीरता को नजरअंदाज किया।
विधायक और उनके समर्थकों की नाराजगी
इन घटनाओं के बाद, लखीमपुर के विधायकों और उनके समर्थकों में भारी नाराजगी बढ़ी। विधायक और उनके परिवारजन महसूस कर रहे हैं कि एसपी उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहे और अधिकारियों की शह पर कार्य कर रहे हैं। इस पर लखीमपुर के विधायकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एसपी को हटाने की मांग की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायकों की शिकायत को गंभीरता से लिया और कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने विधायकों को भरोसा दिलाया कि जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि लखीमपुर खीरी जिले की सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
लखीमपुर खीरी के एसपी गणेश प्रसाद साहा के खिलाफ विधायकों की शिकायतों और बढ़ते विवाद के बाद अब यह मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है, जिससे आने वाले समय में एसपी के खिलाफ कार्रवाई की संभावना बनी हुई है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या इस विवाद का समाधान होता है या यह और भी बढ़ता है।