Friday, February 7, 2025

राहुल गांधी के बयान पर FIR: असम में संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे का आरोप?

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AIN NEWS 1: राहुल गांधी के हालिया बयान पर असम के गुवाहाटी में पान बाजार पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है। यह FIR शिकायतकर्ता मोनजीत चेतिया की ओर से शनिवार को दर्ज कराई गई। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी के बयान ने भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डाल दिया है। यह मामला भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 152 के तहत दर्ज किया गया है, जो एक गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में आता है।

शिकायतकर्ता ने लगाए गंभीर आरोप

मोनजीत चेतिया का आरोप है कि राहुल गांधी ने अपने बयान से भाषण की उन सीमाओं को पार कर लिया है, जिन्हें स्वीकार किया जा सकता है। चेतिया ने दावा किया कि इस बयान ने सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर दिया है।

चेतिया के अनुसार, राहुल गांधी के शब्द भारतीय राज्य की संप्रभुता और एकता को कमजोर करने वाले थे। उनके अनुसार, इससे अलगाववादी भावनाओं और अशांति को भड़काने का खतरा पैदा हो गया है।

बयान पर विवाद: क्या कहा था राहुल गांधी ने?

राहुल गांधी ने 15 जनवरी को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के नए मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान कहा था,

“भाजपा और RSS ने हर संस्थान पर कब्जा कर लिया है। अब हम BJP-RSS और इंडियन स्टेट के खिलाफ लड़ रहे हैं।”

इस बयान के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। चेतिया का आरोप है कि राहुल गांधी का यह बयान चुनावी निराशा का परिणाम है और उन्होंने झूठ फैलाने और असंतोष भड़काने के लिए अपने मंच का दुरुपयोग किया।

चेतिया का दावा: बयान से जनता में भ्रम

शिकायतकर्ता ने FIR में यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी की यह टिप्पणी जनता के लोकतांत्रिक विश्वास को कमजोर करने वाली है। उन्होंने कहा कि एक विपक्षी नेता के रूप में राहुल गांधी की जिम्मेदारी है कि वे लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता का विश्वास बनाए रखें। लेकिन इसके विपरीत, उन्होंने ऐसे बयान दिए जो राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता के लिए खतरा बन गए।

चेतिया ने यह भी कहा,

“लोकतांत्रिक तरीकों से जनता का विश्वास हासिल करने में असमर्थ होने के बाद, राहुल गांधी अब केंद्र सरकार और भारतीय राज्य के खिलाफ असंतोष भड़काने का प्रयास कर रहे हैं।”

SEO बूस्ट के लिए पैराग्राफ (अंग्रेजी में):

Rahul Gandhi’s recent statement has sparked controversy, leading to an FIR in Assam’s Guwahati under IPC Section 152, a non-bailable offense. The complainant, Monjit Chetia, accused Gandhi of endangering India’s sovereignty, unity, and national security. This political turmoil follows Gandhi’s remarks about BJP-RSS’s control over institutions, raising questions about democracy, free speech, and opposition responsibilities. Learn the implications of this case on national politics and public discourse.

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।

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