डलास, टेक्सास – लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका के टेक्सास विश्वविद्यालय में छात्रों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के पीछे के मकसद और इसके प्रभाव पर चर्चा की।
भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य: राहुल गांधी ने बताया कि भारत जोड़ो यात्रा का आयोजन इसलिये किया गया क्योंकि भारत में उनके विचारों को प्रसारित करने के सभी रास्ते बंद हो गए थे। उन्होंने कहा कि संसद में उनकी बातों को टेलीविजन पर नहीं दिखाया गया, मीडिया ने उनकी बातों को नजरअंदाज किया और कानूनी व्यवस्था में भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इन समस्याओं के समाधान के लिए उन्होंने देशभर में पैदल यात्रा करने का विचार किया।
‘प्यार’ का विचार राजनीति में: राहुल गांधी ने अपनी यात्रा के दौरान राजनीति में ‘प्यार’ के विचार को पेश करने की बात की। उन्होंने कहा कि यह बात चौंकाने वाली थी कि यह विचार इतना सहज और प्रभावशाली साबित हुआ। उनके अनुसार, राजनीति में अक्सर नफरत, गुस्सा और भ्रष्टाचार की बातें होती हैं, लेकिन ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने इस स्थिति को बदलने की कोशिश की और राजनीति में एक नया दृष्टिकोण पेश किया।
अमेरिका की यात्रा: राहुल गांधी वर्तमान में अमेरिका की तीन दिवसीय अनौपचारिक यात्रा पर हैं। इस यात्रा के दौरान वे डलास, टेक्सास और वाशिंगटन डीसी में भारतीय प्रवासियों और युवाओं से बातचीत करेंगे। वाशिंगटन डीसी में उनकी यात्रा सोमवार से शुरू होगी, जहां वे सांसदों और अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मिल सकते हैं। राहुल गांधी शनिवार रात को डलास पहुंचे थे, जहां इंडियन नेशनल ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा और अमेरिकी विंग के अध्यक्ष मोहिंदर गिलजियान ने उनका स्वागत किया।
निष्कर्ष: राहुल गांधी ने अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के अनुभवों को साझा करते हुए भारतीय राजनीति में ‘प्यार’ के विचार को प्रकट करने की बात की। उन्होंने बताया कि यह यात्रा उनके लिए एक नई सीख और दृष्टिकोण लेकर आई है, और इसके प्रभाव को लेकर वह आश्चर्यचकित हैं।