AIN NEWS 1: बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड ने पटना के फतुहा क्षेत्र के गोविंदपुर गांव पर अपना दावा ठोका है और वहां के निवासियों को 30 दिन के भीतर जगह खाली करने का नोटिस जारी किया है। वक्फ बोर्ड का कहना है कि यह जमीन 1959 से उनके कब्जे में है, लेकिन गांववालों का कहना है कि यह दावा पूरी तरह से गलत और बेबुनियाद है।
गांववालों के अनुसार, वे लोग यहां 1909 से रह रहे हैं और उनके पास जमीन के सभी वैध कागजात भी हैं। इस संबंध में बिहार हाईकोर्ट ने भी उनके पक्ष में फैसला दिया है। इसके बावजूद वक्फ बोर्ड का दावा जारी है। ग्रामीणों का कहना है कि वक्फ बोर्ड ने बिना कोई ठोस दस्तावेज प्रस्तुत किए इस जमीन पर दावा किया है।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी के कार्यालय में अपनी शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद जांच में पुष्टि हुई कि जमीन पर उनका पुश्तैनी अधिकार है और वक्फ बोर्ड का दावा गलत है। नोटिस में जमीन को कब्रिस्तान की जमीन बताया गया है, जबकि गांववालों ने मीडिया को अपने जमीन के कागजात दिखाए हैं, जो उनकी पुरानी निवासिता को प्रमाणित करते हैं।
वक्फ बोर्ड, जो देश के सबसे बड़े जमीन मालिकों में से एक है, ने 13 वर्षों में अपनी संपत्ति का रकबा दोगुना से भी ज्यादा कर लिया है। भारत में सेना और रेलवे के बाद वक्फ बोर्ड तीसरा सबसे बड़ा जमीन मालिक है, इसके पास कुल 8 लाख 54 हजार 509 संपत्तियां हैं, जो 8 लाख एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में फैली हैं।
वक्फ बोर्ड के दावे और इसके बाद की स्थिति ने गांववालों को परेशान कर दिया है, और वे अपने हक की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।