–80 करोड़ रुपये होंगे खर्च, ग्रेनो प्राधिकरण ने निकाले टेंडर
–निर्माण कार्य शुरू होने से डेढ़ साल में पूरा करने का लक्ष्य
–23 अन्य विकास कार्यों के लिए भी 18 करोड़ रुपये के टेंडर
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ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों के लिए खुशखबरी है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट का पहला एसटीपी शीघ्र बनने जा रहा है। करीब 80 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 45 एमएलडी शोधन क्षमता वाले एसटीपी के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने टेंडर निकाल दिए हैं। एक माह में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य शुरू कराने की तैयारी है। इसका निर्माण कार्य डेढ़ साल में पूरा करने का लक्ष्य है। इस एसटीपी के चालू होने से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टरों व गांव के निवासियों को बड़ी राहत मिल जाएगी। इसके साथ ही प्राधिकरण ने 23 अन्य कार्यों के लिए लगभग 18 करोड़ रुपये के टेंडर निकाल दिए हैं।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टरों व गांवों के सीवर को शोधित करने के लिए एसटीपी की बहुत जरूरत है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने इस जरूरत को देखते हुए एसटीपी शीघ्र बनाने की अनुमति दे दी। सीवर विभाग ने एसटीपी बनाने के लिए टेंडर निकाल दिए हैं। प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि एसटीपी बनाने की इच्छुक कंपनियां 29 जुलाई तक आवेदन कर सकती हैं। 31 जुलाई को प्री क्वालीफिकेशन बिड खुलेगी। कंपनी का चयन कर कार्य को शीघ्र करने की तैयारी है। इसका निर्माण कार्य शुरू होने के बाद पूरा होने में लगभग डेढ़ साल लगेंगे। अब तक ग्रेनो वेस्ट में एसटीपी न होने से ग्रेटर नोएडा वेस्ट की स्वच्छता के लिए इस एसटीपी की बहुत आवश्यकता थी। अब इसके जल्द मूर्त रूप में आने की उम्मीद है। इससे ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सभी गांव व सेक्टर इस एसटीपी से जुड़ जाएंगे। उनके घरों से निकलने वाला सीवर शोधित हो सकेगा। इसके साथ सेक्टर बीटा वन व टू के सामुदायिक भवन के आंतरिक विद्युतीकरण का कार्य, 6 प्रतिशत आबादी भूखंडों में एलईडी लगाने, 3 जोनल रिजर्वायर के इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल कार्य और जीआईएस मैपिंग के कार्य, सेक्टर 16बी व 16सी वितरण लाइन बिछाने का कार्य, ग्रेेटर नोएडा के विभिन्न सेक्टरों में झूलों के मरम्मत के कार्य, सेक्टर दो में ओपन जिम के उपकरण लगाने आदि कार्य किए जाएंगे। सीईओ एनजी रवि कुमार ने इन कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रिया को एक माह में पूरा कर निर्माण शीघ्र शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। इन कार्यों की गुणवत्ता में लापरवाही न करने की सख्त हिदायत दी है।