AIN NEWS 1: कनाडा में हाल ही में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। हसन दाइब, जिसे फ्रांस की अदालत ने पेरिस के एक यहूदी प्रार्थनास्थल पर 1980 में हुए आतंकवादी हमले का दोषी ठहराया था, अब कनाडा में एक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत है। इस पर मशहूर उद्योगपति एलन मस्क और यहूदी समुदाय ने कड़ा विरोध जताया है।
क्या है मामला?
हसन दाइब पर 1980 में पेरिस में हुए एक बम धमाके का आरोप था, जिसमें चार लोगों की मौत और कई घायल हुए थे। फ्रांस की अदालत ने इसे आतंकवादी हमला करार देते हुए हसन को दोषी ठहराया था। हालांकि, दाइब ने खुद को निर्दोष बताया और बाद में वह कनाडा लौट गया।
कनाडा में, हसन दाइब ने एक प्रोफेसर के रूप में काम करना शुरू कर दिया और खास बात यह है कि वह “सामाजिक न्याय” जैसे विषय पढ़ा रहा है। यह जानकारी सार्वजनिक होने के बाद कई लोग हैरान हैं।
एलन मस्क का क्या कहना है?
एलन मस्क ने इस मुद्दे को लेकर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने कनाडा सरकार के रवैये पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा, “कनाडा में ऐसे व्यक्ति को प्रोफेसर बनने देना जो आतंकवाद का दोषी है, अपने आप में हैरान करने वाली बात है।”
मस्क के इस बयान के बाद यह मामला और भी गर्मा गया है। यहूदी समुदाय ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई है और कहा है कि यह आतंकवाद पीड़ितों का अपमान है।
कनाडा में आतंकियों को शरण का पुराना विवाद
यह पहली बार नहीं है जब कनाडा को आतंकवादियों को शरण देने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है। भारत भी कनाडा पर खालिस्तान समर्थक आतंकियों को शरण देने का आरोप लगाता रहा है। कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां आतंकवाद में शामिल लोगों को कनाडा में पनाह मिली है।
क्या हो सकता है आगे?
इस पूरे विवाद के बाद कनाडा सरकार पर दबाव बढ़ गया है। हालांकि, सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस मामले में क्या कदम उठाए जाते हैं।
यह घटना न केवल कनाडा की छवि को प्रभावित कर सकती है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी सवाल खड़े करती है।