AIN NEWS 1: खर्राटे लेना एक आम समस्या मानी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है? विशेषज्ञों के अनुसार, खर्राटे सिर्फ सोने के दौरान आने वाली आवाज नहीं हैं, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य से जुड़े गहरे मुद्दों की ओर इशारा कर सकते हैं।
खर्राटे क्यों आते हैं?
डॉ. रमाकांत पांडा, देश के जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट, बताते हैं कि खर्राटे रात में सोते समय श्वास नली में रुकावट के कारण आते हैं।
गर्दन की मांसपेशियों पर दबाव: सोते समय मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं, जिससे वायुमार्ग संकीर्ण हो जाता है।
नाक बंद होना: कुछ लोगों को रात में नाक बंद होने की समस्या होती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है।
उम्र का असर: बूढ़े लोगों में मांसपेशियां कमजोर होने के कारण खर्राटे अधिक आते हैं।
खर्राटों से जुड़ी बीमारियां
डॉ. पांडा ने बताया कि खर्राटे तीन प्रमुख बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकते हैं:
1. दिल की बीमारियां (Heart Diseases):
जो लोग ज्यादा वजन रखते हैं, फिजिकल एक्टिविटी कम करते हैं, या असंतुलित खानपान करते हैं, उन्हें खर्राटे ज्यादा आते हैं।
यह हार्ट फेलियर और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है।
2. डायबिटीज:
खर्राटे और स्लीप एप्निया (नींद से जुड़ी एक समस्या) शरीर की इंसुलिन प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं।
इससे शरीर शुगर को सही से प्रोसेस नहीं कर पाता, और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
3. हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension):
खर्राटे लेने से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो सकता है।
यह ब्लड प्रेशर बढ़ने और दिल में ब्लड सर्कुलेशन धीमा होने का कारण बन सकता है, जिससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ता है।
अन्य समस्याएं:
खर्राटे डिप्रेशन, मेमोरी लॉस, और सुबह सिरदर्द का कारण भी बन सकते हैं।
खर्राटे कम करने के उपाय
सोने का तरीका बदलें: पीठ के बल सोने से बचें।
रूम में ह्यूमिडिफायर लगाएं: यह हवा में नमी बनाए रखता है।
अच्छी आदतें अपनाएं: स्मोकिंग और शराब का सेवन कम करें।
वजन नियंत्रित करें: मोटापे से खर्राटे बढ़ सकते हैं।
डॉक्टर से परामर्श लें: समस्या गंभीर होने पर विशेषज्ञ की सलाह लें।
खर्राटों को हल्के में लेना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। अगर यह समस्या बार-बार हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें और जल्द से जल्द विशेषज्ञ की राय लें।