AIN NEWS 1: सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा के रूट पर स्थित खाने-पाने की दुकानों के मालिकों को अपने और उनके कर्मचारियों के नाम साफ-साफ लिखने के आदेश पर रोक लगा दी है। यह आदेश उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों द्वारा जारी किया गया था, जिसे अब कोर्ट ने अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने यूपी, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश सरकारों को नोटिस जारी करते हुए शुक्रवार तक जवाब देने को कहा है।
‘एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स’ नामक एनजीओ ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने तर्क किया कि यह आदेश समाज में विभाजन और अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी इस आदेश के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक भेदभाव को बढ़ावा दे रहे हैं।
एक अन्य वकील अभिषेक मनुसिंघवी ने इस स्थिति को अजीब बताते हुए कहा कि यदि दुकानदार अपना नाम नहीं लिखते हैं, तो उन्हें बाहर किया जाएगा, और यदि नाम लिखते हैं, तो भी उन्हें परेशान किया जाएगा।
कांवड़ यात्रा, जो सोमवार से शुरू हो रही है, हिंदू कैलेंडर के सावन महीने की शुरुआत के साथ होती है। इस दौरान लाखों शिव भक्त गंगा का पवित्र जल हरिद्वार और देवघर से ले जाकर अपने घरों तक ले जाते हैं और रास्ते में शिव मंदिरों में अर्पित करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस के निर्देशों पर भी रोक लगा दी है और कहा है कि अगली सुनवाई तक किसी को जबरन नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।