AIN NEWS 1 लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने लगातार दूसरे दिन अपने छोटे भतीजे ईशान के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचकर जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बुधवार को जन्मदिन पर पहली बार ईशान को सार्वजनिक करने के बाद मायावती ने गुरुवार को भी पार्टी के भविष्य और रणनीति पर जोर दिया। बैठक में उन्होंने कहा कि पार्टी को सत्ता की “मास्टर चाबी” हासिल करनी होगी। इसके लिए कार्यकर्ताओं को तन, मन और धन से मेहनत करनी होगी।
अमित शाह पर निशाना, कानून व्यवस्था पर सवाल
मायावती ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर पलटवार किया। उन्होंने इसे अपमानजनक बताते हुए बयान वापस लेने और पश्चाताप करने की मांग की। साथ ही, यूपी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस की कार्रवाई ने जनता के बीच डर पैदा कर दिया है। सत्ताधारी दल के अपराधों की अनदेखी और विरोधियों के खिलाफ दमनकारी नीतियां लोकतंत्र को कमजोर कर रही हैं।
बैठक में मायावती की 5 प्रमुख बातें:
1. कार्यकर्ताओं की आर्थिक मदद पर निर्भर बसपा
मायावती ने स्पष्ट किया कि बसपा केवल अपने कार्यकर्ताओं की मदद से चलती है और पूंजीपतियों या धन्नासेठों पर निर्भर नहीं रहती। उन्होंने कहा कि आर्थिक मदद लेने से पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों पर प्रभाव पड़ता है।
2. पुलिस राज से जनता त्रस्त
उन्होंने यूपी में पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि दमनकारी नीतियों के चलते गरीबों और मेहनतकश लोगों को परेशान किया जा रहा है। सत्ताधारी दल के अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती, जबकि विरोधियों पर कड़ी कार्रवाई की जाती है।
3. जातिवाद और साम्प्रदायिकता पर प्रहार
मायावती ने प्रशासन और पुलिस के जातिवादी और साम्प्रदायिक रवैये की आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून का राज खत्म हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट को भी इस पर हस्तक्षेप करना पड़ा है।
4. विपक्ष पर हमला: “मुंह में राम, बगल में छुरी”
मायावती ने सपा, कांग्रेस और भाजपा को गरीब, दलित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों को वंचित करने का दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि इन दलों की नीति सिर्फ दिखावटी है, जबकि वंचित वर्गों के अधिकार बसपा के अंबेडकरवादी नीतियों में सुरक्षित हैं।
5. महंगाई और बेरोजगारी पर चिंता
मायावती ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी ने जनता का जीना मुश्किल कर दिया है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि 1.22 करोड़ बच्चों का स्कूलों से नामांकन कम क्यों हुआ? जनता के बुनियादी अधिकारों की अनदेखी देश को पीछे ले जा रही है।
राजनीति में ईशान की एंट्री के संकेत
15 जनवरी को पहली बार मायावती अपने दोनों भतीजों आकाश और ईशान के साथ सार्वजनिक तौर पर दिखीं। ईशान, आकाश के छोटे भाई हैं और माना जा रहा है कि मायावती उन्हें जल्द राजनीति में लॉन्च कर सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट से जन्मदिन पर मिली राहत
मायावती को उनके जन्मदिन पर सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली। कोर्ट ने 2009 में दायर याचिका पर सुनवाई बंद कर दी, जिसमें सरकारी खजाने से मूर्तियां बनवाने का आरोप लगाया गया
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Mayawati, the BSP chief, emphasized the importance of achieving the “master key to power” during a crucial meeting with party officials in Lucknow. She urged party workers to contribute wholeheartedly and financially to strengthen the party’s mission. Criticizing Home Minister Amit Shah’s statement on Dr. B.R. Ambedkar, Mayawati demanded an apology. She also highlighted the law and order issues in Uttar Pradesh under the current government and the growing concerns over inflation, unemployment, and declining school enrollment rates. The introduction of her nephew Ishan indicates a new chapter in BSP’s political journey.