AIN NEWS 1 : बांग्लादेश में पिछले महीने 5 अगस्त को हुए तख्तापलट के बाद से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस घटनाक्रम के एक महीने पूरे होने पर, अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने भारत और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ की हैं। यूनुस का कहना है कि भारत को शेख हसीना को लेकर अपने रुख में बदलाव करना होगा।
यूनुस ने भारत से आग्रह किया है कि वह बांग्लादेश की राजनीति में हस्तक्षेप करना बंद करे और हसीना को छोड़कर अन्य राजनीतिक दलों को इस्लामिक बताने की सोच से आगे बढ़े। उन्होंने भारत पर आरोप लगाया कि हसीना भारत में हैं और वहां से बांग्लादेश की राजनीति पर टिप्पणी कर रही हैं, जो उचित नहीं है। यदि भारत शेख हसीना को अपने पास रखना चाहता है, तो उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि हसीना बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति पर टिप्पणी करने से दूर रहें।
इस बीच, बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ नए कानूनी मामले दर्ज किए गए हैं। 4 सितंबर को, हसीना के खिलाफ हत्या के दो और मामले दर्ज किए गए, जिससे उनके खिलाफ मुकदमों की कुल संख्या 94 हो गई है। हसीना, जिन्होंने पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था, अब भारत में शरण लिए हुए हैं। उनके खिलाफ दर्ज अधिकांश मामले सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन के दौरान हुए हत्याओं से जुड़े हैं। ‘डेली स्टार’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, 19 जुलाई को ढाका में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई एक हत्या के मामले में हसीना और 26 अन्य लोगों पर आरोप लगाया गया है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हाल ही में देश में अस्थिरता पैदा करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि अति उत्साही और स्वार्थी लोग जबरन इस्तीफे, तोड़फोड़, आगजनी, अवैध तलाशी, लूटपाट और जबरन वसूली जैसी गतिविधियों से देश की स्थिति को अस्थिर कर रहे हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऐसे लोगों के खिलाफ ठोस कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति पर नजर रखने वाले विश्लेषकों का कहना है कि इन घटनाओं से देश में राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ सकती है। भारत और बांग्लादेश के बीच के रिश्तों पर भी इस संकट का असर पड़ सकता है, खासकर जब शेख हसीना की स्थिति और उनके भविष्य पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
अंतरिम सरकार की यह चेतावनी और शेख हसीना के खिलाफ दर्ज मामलों का सिलसिला बांग्लादेश की राजनीति को नए मोड़ पर ला सकता है। इन घटनाओं के बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें बांग्लादेश की दिशा और इसके राजनीतिक विकास पर बनी हुई हैं।