AIN NEWS 1 | शिवानी राजा ने कंजर्वेटिव पार्टी की ओर से लीसेस्टर ईस्ट सीट पर यह ऐतिहासिक जीत हासिल की। उन्होंने भारतीय मूल के लेबर उम्मीदवार राजेश अग्रवाल के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। हालांकि, ऐतिहासिक जीत के बाद भी लेबर पार्टी को एक सीट पर करारी हार का सामना करना पड़ा। उसे अपनी 37 साल पुरानी लीसेस्टर ईस्ट सीट से हाथ धोना पड़ा, जहां गुजराती मूल की 29 साल की शिवानी राजा ने जीत हासिल की। 10 जुलाई को शिवानी ने अपने हाथ में भगवद् गीता लेकर शपथ ग्रहण की, जिससे उन्होंने एक बार फिर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।
1987 से था लेबर का गढ़
शिवानी राजा ने कंजर्वेटिव पार्टी की ओर से लीसेस्टर ईस्ट सीट पर यह ऐतिहासिक जीत हासिल की। उन्होंने भारतीय मूल के लेबर उम्मीदवार राजेश अग्रवाल के खिलाफ चुनाव लड़ा। लीसेस्टर ईस्ट 1987 से लेबर का गढ़ रहा है। इस चुनाव में शिवानी को 14,526 वोट मिले, जबकि राजेश अग्रवाल को 10,100 वोट मिले।
गीता की शपथ लेने पर गर्व
It was an honour to be sworn into Parliament today to represent Leicester East.
I was truly proud to swear my allegiance to His Majesty King Charles on the Gita.#LeicesterEast pic.twitter.com/l7hogSSE2C
— Shivani Raja MP (@ShivaniRaja_LE) July 10, 2024
संसद में शपथ लेने के तुरंत बाद शिवानी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, “लीसेस्टर ईस्ट का प्रतिनिधित्व करने के लिए आज संसद में शपथ लेना मेरे लिए सम्मान की बात है। मुझे गीता पर महामहिम राजा चार्ल्स के प्रति अपनी निष्ठा की शपथ लेने पर सच में गर्व है।”
हिंदू-मुसलमानों के बीच संघर्ष
2022 में भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप के टी-20 मैच के बाद लीसेस्टर सिटी में भारतीय हिंदू समुदाय और मुसलमानों के बीच संघर्ष देखने को मिला था। हालिया इतिहास को देखते हुए शिवानी की जीत काफी अहम है। इन तनावों के बीच संसद में उनके चुनाव को एक बड़ी जीत माना जाता है।
कौन हैं शिवानी राजा?
शिवानी राजा का जन्म 21 जुलाई 1994 में लीसेस्टर के रशी मीड में हुआ था। उनके माता-पिता 1970 के दशक में भारत और केन्या से ब्रिटेन आए थे। शिवानी गुजराती मूल की हैं। उन्होंने हेरिक प्राइमरी स्कूल, सोअर वैली कॉलेज, विगेस्टन और क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय कॉलेज से पढ़ाई की है। उन्होंने कॉस्मेटिक विज्ञान में प्रथम श्रेणी ऑनर्स की डिग्री के साथ डी मोंटफोर्ट विश्वविद्यालय से स्नातक किया।
2017 में उन्होंने मिस इंडिया यूके ब्यूटी पीजेंट में भाग लिया था, जहां वह सेमी-फाइनलिस्ट रही थीं। इस साल मई में शिवानी लीसेस्टर पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में कंजर्वेटिव उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरीं। आम चुनाव में 14,526 वोटों के साथ बहुमत प्राप्त करने के बाद वह हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए चुनी गईं।
ब्रिटेन की संसद में नए चेहरे
शिवानी के अलावा 27 अन्य भारतीय मूल के सांसद हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए चुने गए हैं। इस चुनाव में सैकड़ों नवनिर्वाचित सांसदों ने संसद में प्रवेश किया। यूनाइटेड किंगडम में चार जुलाई को हुए आम चुनाव में ऋषि सुनक को करारी हार मिली।
महिलाओं की सबसे ज्यादा जीत
नए हाउस ऑफ कॉमन्स में महिलाओं ने इतिहास दर्ज करते हुए सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की है। अब तक की सबसे अधिक संख्या में महिलाएं निर्वाचित हुई हैं। इस बार सदन में 263 महिलाएं पहुंची हैं, जो कुल संख्या का लगभग 40 प्रतिशत है। इसके अलावा, इस बार सबसे अधिक 90 अश्वेत सांसद भी चुनकर सदन में पहुंचे हैं। यह ब्रिटेन की राजनीति में अधिक विविधता और प्रतिनिधित्व की दिशा में एक बड़े और अहम बदलाव का प्रतीक है।
किसे कितनी सीटें मिलीं?
लेबर की भारी जीत के बाद कीर स्टार्मर ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने हैं। आम चुनाव में लेबर पार्टी ने 650 सदस्यीय हाउस ऑफ कॉमन्स में 412 सीटों पर जीत दर्ज की है। पिछले चुनाव की तुलना में पार्टी ने 211 सीटों का इजाफा किया है।
ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी ने केवल 121 सीटें जीतीं, जो पिछले चुनाव से 250 सीटें कम हैं। लेबर पार्टी का वोट शेयर 33.7 फीसदी और कंजरवेटिव पार्टी का 23.7 फीसदी था।