AIN NEWS 1 लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मौसम (Uttar Pradesh Weather News) के एक बार फिर से बदलने की भूमिका पूरी तरह तैयार हो रही है। शुक्रवार को तो प्रदेश में मौसम काफ़ी साफ रहा था। लेकिन अनुमान यह था कि शनिवार से आंधी और गरज-तरज के साथ फिर काफ़ी ज्यादा बारिश हो सकती है। इससे उत्तर प्रदेश में तापमान में गिरावट देखने को भी मिलेगी। शुक्रवार को प्रदेश का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा था। और मौसम भी काफ़ी साफ बना हुआ है लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण से मौसम में भारी बदलाव की आशंका जताई जा रही थी।मौसम विभाग ने पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यलो अलर्ट भी जारी कर दिया है। 27 अप्रैल से लेकर एक मई तक प्रदेश के कई हिस्सों में बिजली के साथ काफ़ी तेज़ बारिश के होने की पूरी संभावना जताई गई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में पश्चिमी विक्षोभ कुछ सक्रिय हुआ है। ऐसे में आने वाले दिनों में पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में बारिश के आसार बने हैं। अगले 24 घंटों में ही इस बदलाव का असर भी दिखने लगेगा। 29 और 30 अप्रैल को यूपी के कई सारे जिलों में बारिश होने की आसंका थी।
जाने इन जिलों में होगी तेज़ बारिश
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, बागपत, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, संभल, बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर और आगरा में भी बारिश होने की पूरी पूरी संभावना थी। इसके अलावा भी फिरोजाबाद, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, इटावा, औरैया, फर्रुखाबाद और रायबरेली में भी बिजली के साथ बादल बरसेंगे। इसके अलावा गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ में भी बरसात के आसार हैं।
जान ले तापमान में गिरावट
इस दौरान तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट भी देखने को मिलेगी। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में अगर तापमान में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई तो इस बार मॉनसून का कमजोर होना तय माना जा रहा है। हालांकि, इससे पहले प्रदेश के कई जिलों में तापमान का बढ़ना भी लोगों के लिए एक बड़ी समस्याओं का सबब बना हुआ है। मौसम की इस आंखमिचौली से गाजियाबाद के अस्पतालों में मरीज़ों की संख्या भी दोगुनी हो गई है। जान ले इस समय डायरिया, गैस्ट्रो, लूज़ मोशन और उल्टी के काफ़ी ज्यादा मरीज़ बढ़ गए हैं। 20 से 55 की ऐज के लोग इस समय कुछ ज़्यादा बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। ज़िला अस्पताल में जहां पहले कुल 60 से 70 मरीज़ आ रहे थे, वहीं अब 150 से 200 तक मरीज़ यहां आ रहे हैं। यही हाल ईएसआईसी का भी है। यहां भी रोज़ाना 100 से 120 मरीज़ तक पहुंच रहे हैं। निजी हॉस्पिटल्स में भी काफी ज्यादा संख्या में मरीज़ बढ़ गए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कभी ठंडा मौसम तो कभी गर्म होने से इस तरह की दिक्कतें सामने आ रही हैं।