AIN NEWS 1: लोकसभा में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए। जैसे ही ये विधेयक प्रस्तुत हुए, सदन में हंगामा शुरू हो गया।
विधेयक की प्रस्तुति और हंगामा
वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन के मोदी सरकार के प्रयासों को देखते हुए, यह स्पष्ट था कि दोनों सदनों—लोकसभा और राज्यसभा—में हंगामा होना तय था। विधेयक पेश होते ही लोकसभा में भारी हंगामा हुआ।
सपा और भाजपा नेताओं की प्रतिक्रियाएँ
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने वक्फ बिल की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार अधिकार छीन रही है और उनकी पार्टी इसके खिलाफ लड़ेगी। इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अध्यक्ष के अधिकार सिर्फ सपा के नहीं बल्कि पूरे सदन के हैं, और किसी को अधिकारों के संरक्षक का दावा नहीं करना चाहिए।
ओवैसी का विरोध
लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का विरोध करते हुए कहा कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा कि यह मुसलमानों की धार्मिक प्रथाओं को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा और इसे कानूनी मान्यता देने से इनकार करके सरकार ने मुसलमानों को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में गंभीर रूप से बाधित करने की कोशिश की है। ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार मुसलमानों की दुश्मन है और यह विधेयक इसका प्रमाण है।
सुप्रिया सुले का आरोप
सुप्रिया सुले ने सवाल उठाया कि यह विधेयक संसद से पहले मीडिया में कैसे आया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के मंदिर के रूप में संसद को इस विधेयक के बारे में पहले सूचित किया जाना चाहिए था।
संसदीय कार्य मंत्री की प्रतिक्रिया
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सुले के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि विधेयक को संसद में प्रसारित किया गया था। अध्यक्ष ओम बिरला ने भी कहा कि विधेयक सभी सांसदों को भेजा गया है, लेकिन विपक्षी सदस्य इसका विरोध कर रहे हैं।