AIN NEWS 1 | इस महीने के आखिर में NSO जनवरी-मार्च की विकास दर के आंकड़े जारी करेगा. इनके आने से पहले अब 2023-24 की चौथी तिमाही में विकास दर को लेकर ताजा अनुमान जारी किया गया है. ये डेटा सामने आने के बाद 2023-24 के पूरे ग्रोथ रेट का आंकड़ा भी सामने आ जाएगा. फिलहाल अगर अलग अलग अर्थशास्त्रियों के अनुमानों की बात करें तो जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की आर्थिक विकास दर 6.1 से 6.7 परसेंट के बीच रहने का अनुमान है. ये इससे पिछली तिमाहियों में दर्ज आठ फीसदी के ग्रोथ रेट के मुकाबले कम है. 2022-23 की जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की विकास दर 6.1 फीसदी रही थी जबकि 2022-23 में भारत का ग्रोथ रेट 7 परसेंट था.
मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्र्क्शन ने दिखाया दम!
चौथी तिमाही की विकास दर के इस अनुमान के आधार पर अर्थशास्त्रियों ने उम्मीद जताई है कि 2023-24 में विकास दर 7.6 से 7.8 परसेंट के बीच रहेगी. इसके पहले 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में विकास दर 8.2 फीसदी, जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.1 परसेंट और अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी. जानकारों के मुताबिक भारत की विकास दर मजबूत बढ़ोतरी का संकेत दे रही है. भारत की आर्थिक रफ्तार में तेजी में जिन सेक्टर्स का सबसे शानदार प्रदर्शन है उनमें मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्र्क्शन और निवेश क्षेत्र शामिल हैं.
कृषि सेक्टर की ग्रोथ धीमी!
हालांकि, कृषि सेक्टर की ग्रोथ धीमी पड़ने की आशंका है. इसके साथ ही सर्विस सेक्टर और औद्योगिक क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में भी कुछ नरमी आने का अनुमान है. इसके साथ ही 2024-25 में विकास दर का अनुमान 6.6 से 7 फीसदी के बीच लगाया गया है. इस दौरान ग्रामीण खपत में तेजी आने का अनुमान है. हालांकि, मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी छमाही में निर्यात की ग्रोथ पर दबाव पड़ने की भी आशंका जताई जा रही है.
निर्यात में आगे सुस्ती की आशंका!
अगर अलग एजेंसियों के भारत के लिए लगाए गए विकास दर अनुमान की बात करें तो EY इंडिया ने चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान साढ़े 6 फीसदी से ज्यादा रहने का लगाया है, इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने 2023-24 की चौथी तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर 6.2 परसेंट रहने का भरोसा जताया है. घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने जनवरी-मार्च तिमाही में भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट 6.7 परसेंट रहने की बात कही है. वैश्विक सुस्ती के बावजूद भारत में निर्यात की मांग में किसी भी तरह का असर नहीं हुआ है. फिलहाल भी भारत का एक्सपोर्ट सेक्टर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. लेकिन आगे चलकर ग्लोबल सुस्ती भारतीय निर्यात को झटका दे सकती है.