AIN NEWS 1: प्रयागराज महाकुंभ 2025 में एक खास शख्सियत ने सबका ध्यान खींचा है। भगवा रंग की पुरानी एंबेसडर कार में आए यह साधु खुद को टार्जन बाबा कहते हैं। उनकी कार न केवल कागजों और रजिस्ट्रेशन से रहित है, बल्कि ट्रैफिक पुलिस भी उन्हें बिना किसी जांच के सम्मानपूर्वक आगे जाने देती है। बाबा की इस अद्भुत यात्रा और उनके व्यक्तित्व ने लोगों में जिज्ञासा बढ़ा दी है।
टार्जन बाबा और उनकी भगवा एंबेसडर का सफर
टार्जन बाबा का असली नाम राज गिरि है। वह मध्य प्रदेश के इंदौर के निवासी हैं और पंचदशनाम जूना अखाड़े से जुड़े हैं। बाबा ने बताया कि यह एंबेसडर कार उन्हें 1998 में मुरादाबाद जिले के आरटीओ अधिकारी ने तोहफे में दी थी। तब से यह कार उनकी पहचान बन चुकी है।
बाबा का कहना है,
“मैं इसी गाड़ी से इंदौर से यहां आया हूं। यह गाड़ी न सिर्फ मेरा साधन है, बल्कि मेरे जीवन का हिस्सा बन चुकी है।”
बाबा के मुताबिक, गाड़ी के कोई वैध कागजात नहीं हैं और रजिस्ट्रेशन भी नहीं है। इसके बावजूद, कोई भी उन्हें रोकने की हिम्मत नहीं करता।
पुलिसकर्मियों की प्रतिक्रिया
महाकुंभ में तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी जब इस भगवा एंबेसडर को देखते हैं, तो मुस्कुराते हुए हाथ जोड़ लेते हैं। बाबा को न कोई रोकता है और न ही गाड़ी की जांच करता है। लोगों का कहना है कि यह बाबा का व्यक्तित्व और उनकी आध्यात्मिक छवि है, जो सबको उनकी ओर आकर्षित करती है।
महाकुंभ और टार्जन बाबा की अनूठी मौजूदगी
महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में साधुओं की मौजूदगी आम है, लेकिन टार्जन बाबा का अंदाज सबसे अलग है। वह लोगों से अपनी एंबेसडर कार में ही बैठकर बात करते हैं। इस दौरान उनके अनुयायी और श्रद्धालु उन्हें सम्मानपूर्वक सुनते हैं। बाबा का कहना है कि वह अब तक 9 कुंभ मेलों में हिस्सा ले चुके हैं।
भगवा एंबेसडर: एक चलती-फिरती पहचान
बाबा की कार को भगवा रंग से रंगा गया है, जो साधुओं के आध्यात्मिक जीवन और उनकी पहचान का प्रतीक है। यह कार सिर्फ एक वाहन नहीं है, बल्कि बाबा की छवि का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है।
SEO-अनुकूल अंग्रेजी पैराग्राफ:
Tarzan Baba, a renowned Naga sadhu from Indore, has caught everyone’s attention at the Prayagraj Mahakumbh 2025. Known for his saffron-painted Ambassador car gifted by an RTO officer in 1998, Baba’s vehicle operates without registration or valid documents. Despite this, he travels with utmost respect, as even traffic police salute him. Associated with the Juna Akhada, Baba has participated in nine Kumbh Melas, making his unique journey an integral part of this grand spiritual festival.